गोरखपुर(ब्यूरो): हत्यारोपितों को गिरफ्तार करने की मांग तेज होने और मामला तूल पकडऩे पर एसएसपी डा.गौरव ग्रोवर ने गंगेश हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई के नेतृत्व में चार सितंबर को एसआइटी गठित की। इसमें सीओ कैंट अंशिका वर्मा, प्रभारी निरीक्षक कैंट संजय ङ्क्षसह व प्रभारी निरीक्षक एम्स रणधीर मिश्रा को शामिल किया गया है। फोरेंसिक जांच रिपोर्ट का विश्लेषण करने के लिए एम्स के फोरेंसिक साइंस विभाग के एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है। चार दिन से चल रही जांच में एसआइटी अभी किसी नजीजे पर नहीं पहुंची है। गंगेश के स्वजन का आरोप है कि पूछताछ व जांच के नाम पर उनके परिवार, स्वजन व गंगेश के दोस्तों को ही थाने बुलाया जा रहा है। सुबह थाने आने के बाद शाम तक उन्हें बैठाया जा रहा है। दिल्ली में रहने वाली गंगेश की पत्नी को भी एसआइटी गोरखपुर बुला रही है। घटना के दिन भी वह दिल्ली में ही थीं।
यह है मामला
महेवा में रहने वाले गंगेश पांडेय के भाई योगेश दत्त की वर्ष 2017 में हत्या कर दी गई। इस मामले में वह मुख्य गवाह थे। गवाही के सिलसिले में वह मई के पहले सप्ताह दिल्ली से गोरखपुर आए। 11 मई की सुबह 10.30 बजे मुकदमे के संबंध में बात करने घर से निकले। एक घंटे बाद गोलघर में उनकी मृत्यु हो गई। परिवार के लोगों का आरोप है कि मुकदमे में समझौता करने के दबाव बना रहे आरोपितों ने जहर देकर गंगेश की हत्या की है, जबकि पुलिस बीमारी से मृत्यु होने का दावा कर रही थी। भागदौड़ के बाद 13 जून को इस मामले में आरोपितों पर मुकदमा दर्ज हुआ। फोरेंसिक रिपोर्ट में जहर से गंगेश की मृत्यु होने की पुष्टि के बाद स्वजन आरोपितों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं।
इनके विरुद्ध केस
गंगेश की भाभी पुष्पा की तहरीर पर कैंट थाने में 13 जून को सेवानिवृत्त प्रोफेसर रामदरश राय उनके बेटे राहुल राय, राहुल यादव, राहुल पांडेय, दीपनारायण पांडेय के साथ दो अधिवक्ताओं पर हत्या व साजिश का मुकदमा दर्ज हुआ। इस मामले में अभी किसी कि गिरफ्तारी नहीं हुई है।
घटना से जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से छानबीन चल रही है। तेजी से जांच व विवेचना पूरी करने के लिए ही एसआइटी का गठन हुआ है। साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
डॉ। गौरव ग्रोवर, एसएसपी