गोरखपुर (ब्यूरो)। फिर उन्होंने अपनी शिकायत कंज्यूमर फोरम के पास कराई। फिर उनका मामला कोर्ट में दाखिल हुआ और फिर कोर्ट के आदेश के बाद उनके खराब फर्नीचर को एक्सचेंज किया जाने और उनके आर्थिक, मानसिक, शारीरिक क्षति के लिए मुआवजा दिया जाने का की बात कही गई।
केस 2
सौरभ ने अमेजन से एक पीस डिवाइन लाइफमंत्रा से खरीदा जो वारंटी पीरियड में ही खराब हो गया। लेकिन जब उन्होने उसे रिर्टन करना चाहा तो कंपनी ने रिर्टन करने से मना कर दिया। तब उन्होने कंज्यूमर फोरम के कोर्ट में शिकायत दाखिल कराई। इसके बाद बाद जिला आयुक्त ने अमेजन को आदेश दिया कि 24 घंटे में उत्पाद का मूल्य वापस कर दें।
यह दो केस बानगी भर है। दरअसल, जो कंज्यूमर अपने राइट्स के प्रति अवेयर हैैं। उन्हें डिफेक्टिव प्रोडक्ट मिलने पर अपना अधिकार लेना जानते हैैं। लेकिन जो इसका लाभ नहीं ले पाते हैैं, कहीं न कहीं उन्हें भी अपने अधिकार के प्रति जागरुक होना होगा। इसी बात को लेकर आए दिन कंज्यूमर फोरम भी अपने कंज्यूमर्स को अवेयर करता रहता है। बता दें, हम अपने मेहनत से पाई हुई हर चीज में अपना हक जमाते हैं और वो न मिले तो उसे जी जान लगाकर पाने की पूरी कोशिश भी करते हैं। आखिर यही तो है हमारी असली लड़ाई अपने अधिकार को जानना, अवेयर रहना और उसके लिए हमेशा लड़ते रहना। आज हक की बात इसलिए भी जरुरी है क्योंकि प्रति वर्ष मनाए जाने वाले 15 मार्च के वल्र्ड कंज्यूमर राईट्स डे के सेलिब्रेशन का। ऐसे मौके पर डीजे आई नेक्स्ट कंज्यूमर्स को उनके अधिकार के प्रति क्या जरुरी है और इसका लाभ कैसे ले सकते हैैं। इस जानकारी के लिए विस्तृत रिपोर्ट पढ़ें गोरखपुर के जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में आने वाले वादों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसके पीछे की मुख्य वजह यह है कि कंज्यूमर्स में अपने राइट के प्रति जागरुकता आई है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि आयोग में सैकेड़ों कंज्यूमर्स के मामले न्याय की उम्मीद में राह देख रहे है।
प्रतिदिन आ रहे 6-7 केस
दरअसल, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में कोई भी कंज्यूमर्स सादे पेज पर अपनी शिकायत (वाद) दाखिल कर सकता है। इसके लिए उसे बिना टिकट के एफिडेबिट लगाकर सारे एविडेंस के साथ वह अपनी समस्या को दर्ज करवा सकता है। इसके लिए वह मैनुअल भी शिकायत दर्ज कर सकता है या फिर ई-दाखिल की वेबसाइट पर जाकर भी वाद दाखिल कर सकता है। इस प्रकार प्रतिदिन कुल 6-7 वाद इन दिनों आ रहे हैैं। पेंडेंसी की मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि कोरोना पेंडमिक से पहले टीम के सदस्य पर्याप्त नहीं थे।
90 दिन में करना है निस्तारण
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दाखिल होने के बाद 90 दिन यानी तीन महीने के भीतर कंज्यूमर्स के मामले को निस्तारित कर देना है। लेकिन कंज्यूमर्स के मामले का निस्तारण समय से न करके तारीख पर तारीख पड़ जाने से कंज्यूमर्स के न्याय में देरी होती है, ऐेसे मामले में पेंडेंसी खत्म करने के लिए भी जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की टीम ने कमर कस ली है।
इन डिपार्टमेंट्स के खिलाफ कंज्यूमर्स कर सकते हैैं वाद दाखिल
- सर्विस डिफिसिएंसी
- टेलीकॉम
- टेक्सटाइल
- टूरिज्म
- ट्रांसपोर्ट
- प्राइवेट
- रेलवे
- फाइनेंस
- फूड एंड बेवरेज
- गवर्नमेंट
- हाउस होल्ड गुड्स
- हाउसिंग
- इमिग्रेशन
- इंडस्ट्रीयल-कामर्शियल गुड्स एंड सर्विसेज
- एयरलाइंस
- आटोमोबाइल
- बैकिंग
- कंज्यूमर
- कांट्रैक्ट्स
- डिफेक्टिव गुड्स
- डोमेस्टिक फ्यूल्स
यहां दर्ज करा सकते है कंप्लेंट
कंज्यूमर्स को अपने शिकायत को लेकर जागरुक रहना होगा। इसके लिए गर्वनमेंट की तरफ से जागृति पोर्टल लांच किया गया है, जिसकी वेबसाइट क्रद्ग-द्भड्डद्दह्म्द्बह्लद्ब.द्दश1.द्बठ्ठ है। यहां पर जाकर कंज्यूमर अपनी कंप्लेंट दर्ज करा सकते है।
हम लोग रोज कुछ न कुछ खरीदते रहते ही हैं और ऑनलाइन शॉपिंग में तो अक्सर प्रोडक्ट चेंज करके आ जाते हैं जिसके लिए हमें कम से कम फीडबैक से कम्पलेन करना चाहिए।
रितिक कसेरा
ऑनलाइन पेमेंट करके अक्सर हम फंस जाते हैं जिसपर हमें जरूर शिकायत करनी चाहिए वरना ऐसे केसेज बढ़ते रहेंगे।
मनीषा मौर्या
हमें अपने राईट्स को जरूर जानना चाहिए वरना आजकल हमें ऑनलाइन शापिंग मे स्कैम देखने को मिलती है जिसके लिए अवेयरनेस जरूरी है।
प्रगति गुप्ता
हमारे पास प्रति दिन कंज्यूमर्स की शिकायतें आती हैं और हमने उस पर निरंतर कारवाई की है और आगे भी करते रहेंगे। हमारा आयोग इसके लिए सदैव तत्पर रहेगा।
सुरेंद्र कुमार सिंह, अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग