गोरखपुर (ब्यूरो)। लोग अपना बिल दुरूस्त कराने के लिए बिजली ऑफिसेज का चक्कर काटने को मजबूर है। बिल रिवीजन के मामले बढऩे से बिजली निगम के ऑफिस भी परेशानी हो रही है। दरअसल, पहले जहां निगम का खुद बिलिंग सिस्टम था। यूपीपीसीएल ने अन्य पॉवर सप्लाई कंपनीज की तरह बिजली निगम का भी बिलिंग सिस्टम करा दिया है। अब नये सिस्टम से कंज्यूमर्स की बिलिंग होने लगी है। यहीं से कंज्यूमर्स को प्रॉब्लम बढ़ गई।
निगम ने की 90 करोड़ के राजस्व की वसूली
मई और जून को मिलाकर जोन प्रथम में करीब 26,025 कंज्यूमर्स की आईडीएफ और आरडीएफ बिलिंग हुई। यानि कि जितनी बिजली खर्च हुई उस हिसाब से उनके बिन नहीं बने। जोन प्रथम में करीब 9 लाख से अधिक कंज्यूमर्स है। इसमें से सिर्फ लगभग 8 लाख से अधिक कंज्यूमर्स के बिल बने। जबकि निगम ने करीब 90 करोड़ रुपए राजस्व की वसूली की है। इसके अलावा हजारों की संख्या में ऐसे भी कंज्यूमर्स रहे, जिनका आईडीएफ व आरडीएफ में बिल उनकी उम्मीद से अधिक आ गया। ऐसे कंज्यूमर्स को गर्मी में बिल दुरूस्त कराने के लिए निगम के ऑफिस, सबस्टेशन, डिवीजन ऑफिस की दौड़ लगानी पड़ रही है।
जोन प्रथमें में आए 18428 आईडीएफ के मामले
बिजली निगम के रिपोर्ट के अनुसार गोरखपुर प्रथम जोन में करीब 18428 आईडीएफ के केसेज सामने आए है। वहीं, 7597 आरडीएफ के मामले हैं। सिस्टम की खामिया के चलते ऐसे कंज्यूमर्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वह आये दिन बिल सुधार के लिए निगम की दौड़भाग कर रहे हैं। ताकि उनका बिल सुधार हो सके।
गोरखपुर प्रथम जोन में कंज्यूमर्स की संख्या-9 लाख
मई-जून में बनाए गए बिल--850000
राजस्व वसूली लगभग-90 करोड़
आईडीएफ बिल--18428
आरडीएफ बिल-7597
जोन प्रथम आरडीएफ आईडीएफ
चौरीचौरा 1085 3086
ईडीडी प्रथम गोरखपुर 930 4860
ईडीडी कैंपियरगंज 1106 3251
ईडीडी सेकेंड गोरखपुर 198 1155
ईडीडी कौडिऱाम 1583 4410
ईडीडी सिकरीगंज 1601 1614
ईयूडीडी प्रथम शास्त्री चौक 178 21
ईयूडीडी सेकेंड बक्शीपुर 594 52
ईयूडीडी थर्ड मोहद्दीपुर 176 26
ईयूडीडी फोर्थ राप्तीनगर 146 07
कुल योग 7597 18428
केस 1-पादरी बाजार के रहने वाले भुनेश्वर कुमार के नाम से दो किलोवाट का कनेक्शन है। उनका बिल आरडीएफ आ गया है। वह बिल की दुरूस्त कराने के लिए ऑफिस पहुंचे, कर्मचारी ने मीटर की रीडिंग और पांच मिनट का वीडियो मांगा और आश्वास दिया कि बिल ठीक हो जाएगा।
केस 2-लालडिग्गी के रहने वाले सुनील गुप्ता को दो किलोवाट का घरेलू कनेक्शन है। उनका बिल आईडीएफ में आ गया है। इसे सही कराने के लिए वह ऑफिस का दौड़ भाग कर रहे हैं।
नये बिलिंग सिस्टम की वजह से कुछ आईडीएफ और आरडीएफ बिल बने हैं। बिल सही कराया जा रहा है। धीरे-धीरे संख्या में कमी आ रही है। जल्द की कंज्यूमर्स की समस्याओं को दूर कर लिया जाएगा।
ई। आशुतोष श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर