गोरखपुर : गुरूवार को पिंक टॉयलेट बसों का रिएलिटी चेक करने पहुंची दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम को संचालक वंदना ने बताया। यही नहीं, पार्क रोड स्थित बस तो संचालन के लिए खुली थी, लेकिन नौका विहार रोड पर स्थापित की गई पिंक टॉयलेट बस पर ताला लटका था। वहीं, पिंक टॉयलेट बसों के इस्तेमाल से बचने वाली महिलाओं से हमने यूज न करने का कारण पूछा तो उन्होंने बसों में गंदगी व हाईजीन न होने के चलते टॉयलेट का इस्तेमाल न करने की बात कही।
मॉल के सामने बस
पार्क रोड पर स्थापित की गई पिंक टॉयलेट बस को शॉपिंग मॉल के ठीक सामने खड़ा किया गया है। यहां रोजाना तकरीबन चार से पांच हजार लोग शॉपिंग और फूड एंज्वाय करने आते हैं। पिंक टॉयलेट बस की संचालक वंदना ने बताया कि इतनी ज्यादा भीड़ होने के बाद भी यहां दिन भर में सिर्फ पांच से सात महिलाएं ही टॉयलेट का इस्तेमाल करने के लिए पहुंचती हैं। वो भी सिर्फ यूरिनल का प्रयोग करती हैं। हालाकि बस में खुले कैफेटेरिया का इस्तेमाल महिलाएं और आस-पास से गुजरने वाले लोग भी करते हैं।
नौका विहार की बस पर ताला
सिटी के नौका विहार रोड पर बुद्धा गेट के पास स्थापित की गई पिंक टॉयलेट बस पर दोहपर एक बजे ताला लटका मिला। पड़ोस में दुकान चलाने वाले एक व्यापारी ने बताया कि यहां अक्सर ताला ही बंद रहता है। जो महिलाएं नौका विहार घूमने आती हैं वे वॉशरूम इस्तेमाल करने के लिए सुलभ शौचालय की ओर कूंच करती हैं। बस के अनियमित संचालन से यहां का कैफेटेरिया भी लोगों को आकर्षित करने में विफल रहता है।
हफ्ते भर तक नहीं होती सफाई
पिंक टॉयलेट बसों के संचालन की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दी गई है। पार्क रोड पर स्थापित बस की संचालक वंदना ने बताया कि बसों में लगे टॉयलेट की सफाई नगर निगम के सफाईकर्मी करते हैं। उन्होंने बताया कि हफ्ते भर तक यहां सफाईकर्मी टॉयलेट साफ करने नहीं आते हैं। वंदना ने कहा कि अभी तो कम महिलाएं इसका इस्तेमाल कर रही हैं लेकिन संख्या बढऩे पर लोग हाईजीन की शिकायत करते हैं।
पिंक बसों में सर्विस चार्ज
सर्विस चार्ज
यूरिनल पांच रुपये
टॉयलेट दस रुपये
चाय दस रुपये
स्नैक्स दस से चालीस रुपये
कोट-
मैं तो हाइजीन वाले टॉयलेट यूज करती हूं। पिंक टॉयलेट बस में ठीक से सफाई नहीं की जाती इसलिए इसका इस्तेमाल करने में हिचक होती है।
- रितु, गोरखनाथ
एक बार मुझे प्रसाधन के इस्तेमाल की जरुरत महसूस हुई थी। लेकिन पिंक टॉयलेट बस की गंदगी की वजह से अंदर घुसने की हिम्मत नहीं हुई।
- श्रेयांशी मोदनवाल, छात्रसंघ चौक
नगर निगम का यह प्रयोग अच्छा है लेकिन इसमें सफाई और हाईजीन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। हाइजीन न होने के चलते ही मैं इसके इस्तेमाल से बचती हूं।
- मानसी शाही, भगत चौराहा
बसों में बमुश्किल पांच से सात महिलाएं ही इस्तेमाल करने के लिए पहुंचती हैं। भीड़-भाड़ वाले इलाके में भी इतनी कम संख्या निराश करती है।
- वंदना, पिंक बस संचालक पार्क रोड
वर्जन-
बसों में नियमित साफ-सफाई व संचालन के निर्देश दिए गए हैं। इसका पालन सफाईकर्मी व संचालक दोनों को करना है। लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की जाएगी।
- निरंकार सिंह, अपर नगर आयुक्त