गोरखपुर (ब्यूरो)। ये पहला मौका नहीं था, जब कोई बड़ा अपराधी पुलिस के हत्थे चढ़ा हो, बल्कि इससे पहले भी नेपाल भागने के फिराक में गोरखपुर में मोस्ट वॉन्टेड क्रिमिनल्स के कदम पड़े हैं। प्रयागराज में चर्चित उमेश पाल हत्याकांड का पहला शूटर भी नेपाल भागते समय गोरखपुर में ही पकड़ा गया था। देश में कहीं भी बड़ी घटना होती है तो नेपाल बॉर्डर पर हाई अलर्ट जारी हो जाता है। जिसके बाद गोरखपुर समेत महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच जिले, जिनकी सीमा नेपाल बॉर्डर से सटी है, वहां की पुलिस एक्टिव हो जाती है।
नेपाल में शरण लेते रहे हैं अपराधी
ओमप्रकाश पासवान हत्याकांड के बाद सुर्खियों में शातिर बदमाश राकेश यादव ने कई वर्षों तक नेपाल में रहा। इसी तरह गोरखपुर में बम कांड को अंजाम देने वाला परवेज टांडा ने भी गोरखपुर से भागकर नेपाल में शरण ली थी। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उमेश पाल हत्याकांड में शामिल बम बाज गुड्डू मुस्लिम के भी नेपाल जाने की बात सामने आई थी।
नेपाल में नहीं पकड़ सकती इंडिया की पुलिस
जानकारी के अनुसार अभी तक नेपाल और इंडिया में ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है, जिससे पुलिस टीम बॉर्डर क्रॉस कर अपराधी को गिरफ्तार कर सके। इसलिए अपराधी अपराध करने के बाद खुद को सुरक्षित करने के लिए सबसे पहले नेपाल की ओर रूख करता है।
इन अपराधियों ने ली नेपाल की शरण -
1.24 फरवरी 2023: प्रयागराज में चर्चित उमेश पाल की बम मारकर हत्या की गई। अतीक अहमद के बेटे समेत कई शूटरों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इस घटना का पहला आरोपित 25 वर्षीय सदाकत गोरखपुर में ही पकड़ा गया था। सदाकत नेपाल भागने के फिराक में था।
2.दिसंबर 2022: रामगढ़ताल क्षेत्र में पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला करने वाले 50 हजार के इनामी पशु तस्कर तौसीफ आलम को एसटीएफ की टीम ने तरंग क्रॉसिंग के पास गिरफ्तार किया। तौसीफ नेपाल भाग रहा था।
3.नवंबर 2022: शाहपुर में बैंक लूटने पहुंचा बदमाश, वहां अलार्म बजते ही फरार हो गया था। जांच में पता चला कि कर्ज में डूबे एमआर ने बैंक लूटने की योजना बनाई थी। सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी बदमाश को पुलिस ने तब पकड़ा जब वह नेपाल भागने के फिराक में था।
4.अगस्त 2022: यूपी के टॉप 45 माफिया की सूची में शामिल गोरखपुर का बाहुबली एवं पूर्व विधायक राजन तिवारी को बिहार के रक्सौल से पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया। माफिया नेपाल भाग रहा था।
5.अगस्त 2021: महराजगंज ठूठीबारी क्षेत्र से 686 करोड़ की अवैध नशीली दवाओं की बरामदगी के मामले का मुख्य आरोपी गोविन्द गुप्ता पुलिस के हत्थे चढ़ा। पुलिस ने उसको तब दबोचा, जब वह पैदल ही नेपाल भागने की फिराक में सीमा तक पहुंच गया था।
6.सितंबर 2020: गोरखपुर का 25 हजार का इनामी बदमाश शुभम सिंह सिंघाड़ा नेपाल भागने की फिराक में था, लेकिन महाराजगंज में मुठभेड़ के बाद पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। शुभम सिंह उर्फ सिंघाड़ा ने कप्तानगंज-निचलौल मार्ग से नेपाल भागने का प्लान बनाया था।
7.अप्रैल 2020: तिवारीपुर इलाहीबाग के रहने वाले अपराधी महताब को पुलिस टीम ने नेपाल भागने के दौरान ही डोमिनगढ़ से अरेस्ट किया। महताब पर गोरखपुर और लखनऊ में लूट व चोरी के 10 से अधिक मामले दर्ज हैं।
8.अक्टूबर 2020: को पुलिस ने कुख्यात अपराधी त्रिभुवन सिंह समेत चार बदमाश जो नेपाल भाग रहे थे, इन्हें अरेस्ट किया था। बीस सिंतबर को त्रिभुवन सिंह ने शाहपुर एरिया के सेंट जॉन्स चर्च गली में टीचर डेविना उर्फ निवेदिता मेजर की चेन छीनकर उनकी गोली मारकर हत्या की थी।
9.अक्टूबर 2018: जयपुर सीकर के फतेहपुर कोतवाली प्रभारी और कांस्टेबल के हत्यारों को मुंबई और पुणे से एटीएस व पुलिस टीम ने पकड़ा था। पुलिस टीम ने प्रेस कांन्फ्रेंस कर बताया कि आरोपी गोरखपुर के रास्ते नेपाल भागने की तैयारी में थे।
10दिसंबर 2014: सीतापुर का शूटर अंशु दीक्षित भी नेपाल भागने के फिराक में गोरखपुर पहुंचा था। गोरखनाथ इलाके से एसटीएफ ने उसे अरेस्ट किया। मई 2021 में चित्रकूट जेल में मुख्तार के दो शूटरों की हत्या अंशु ने की थी। जेल के अंदर ही मुठभेड़ में पुलिस ने उसे मार गिराया था।
लुक आउट नोटिस मिलने पर अलर्ट रहती है पुलिस: डीआईजी
डीआईजी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि बॉर्डर पर एसएसबी चेकिंग पोस्ट से पहले ही पुलिस चेकिंग बूथ बनाया गया है। वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनके जरिए पुलिस संदिग्ध लोगों पर नजर रखती है। कहीं भी अपराध होने पर वहां की पुलिस को अगर लगता है कि अपराधी नेपाल भाग सकता है, तो उन्हें लुक आउट नोटिस देना चाहिए। इससे बॉर्डर पर तैनात पुलिस को अपराधी की फोटो मिल जाती है, तब उन्हें पकडऩा आसान हो जाता है।