गवर्नमेंट हॉस्पिटल में फ्री

बेतियाहाता में पैथोलॉजी संचालक मरीजों से जांच के नाम पर अधिक पैसे वसूल कर रहे हैं। जबकि हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से रेट लिस्ट सार्वजनिक किया गया है। निजी पैथोलॉजी सेंटर्स पर अलग-अलग रेट वसूले जा रहे हैं। 250 रुपए की रैपिड किट की जांच के लिए 400 से 500 रुपए वसूल किए जा रहे हैं। जबकि जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में यह जांच फ्री होती है।

20 मिनट में रिजल्ट


डेंगू का डर इस कदर है कि हल्का सा बुखार होने पर भी लोग डेंगू की जांच कराने के लिए पहुंचने लगे हैं। ऐसे में इसका फायदा निजी पैथोलॉजी सेंटर्स उठा रहे हैं। निजी पैथोलॉजी में रैपिड किट से होने वाली जांच में 15 से 20 मिनट का समय लगता है। इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर पैथोलॉजी रिपोर्ट देते हैं। जबकि हेल्थ डिपार्टमेंट इस जांच को मानता ही नहीं है। बिना एलाइजा जांच के रिपोर्ट अधूरी मानी जाती है।

चार कंपनी की किट


बताया जा रहा है कि जिस किट से निजी लैब में जांच की जाती है। उसकी कीमत 150 से 250 रुपए तक है। चार कंपनियों की किट बाजार में है। इसके अलावा चाइनीज किट एएस-वन एंटीजन भी अवेलबल है। इसकी कीमत 250 रुपए है। इससे एंटीबॉडी जांच भी हो जाती है। एलाइजा जांच की सुविधा शहर के सिर्फ पांच निजी पैथोलॉजी में है। इनका भी रेट 1500 रुपए और आरटीपीसीआर जांच की दर 3000 रुपए है। डेंगू की जांच एलाइजा और आरटीपीसीआर दोनों से होती है। लेकिन इस जांच में छह से सात घंटे लगते हैं। यही कारण है कि लोग इस जांच को नहीं कराते हैं।

टेस्ट का नाम अधिकतम रेट वसूल कर रहे रेट


एनएस-1 एलाइजा 1200 1500
एनएस-1 कार्ड टेस्ट 700 800
प्लेटलेट काउंट 100 200
सीबीसी 150 400
आईजीएम एलाइजा 750 1000

निजी पैथोलॉजी संचालक जांच के नाम पर मनमाना रेट नहीं वसूल सकते। इसके लिए पत्र भी जारी किया गया है। यदि कोई मनमाना रेट वसूल रहा है तो शिकायत मिलने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी। जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में एलाइजा जांच की सुविधा फ्री है। लोग सरकारी अस्पताल में ही जांच कराएं।
डॉ। आशुतोष दूबे, सीएमओ