गोरखपुर (अनुराग पांडेय)।ऑपेरशन शिकंजा के तहत यहां अभियोजन अधिकारियों द्वारा गोरखपुर सिविल कोर्ट में गंभीर मुकदमों में अपराधियों का सजा दिलाकर पूरे प्रदेश में कीर्तिमान भी स्थापित किया गया है। कई मामलों में गवर्नमेंट एडवोकेट्स ने ख़ुद इनवेस्टीगेशन करके सही और गलत का पता लगाया। इनके इनवेस्टीगेशन और ट्रायल के दौरान कई चौंकाने वाली बातें भी सामने आईं। जो आज के दौर में भी आपराधिक घटनाओं में न्याय के लिए जरूरी हैं। बीते दिनों बेहतरीन काम करने वाले लोक अभियोजकों को पुलिस-प्रशासन की ओर से सम्मानित किया गया था।
पैरवी से मिली 354 को सजा
ऑपरेशन शिकंजा के मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन अधिकारी द्वारा प्रभावी पैरवी का नतीजा है कि 208 मुकदमों में 1 जनवरी से 31 अक्टूबर तक 354 अपराधियों को सजा दिलाई गई।
10 में हुई सजा
सजा के प्रकार मुकदमे अपराधी
आजीवन कारावास 44 106
20 साल की सजा 01 01
10 साल की सजा 32 48
सात साल की सजा 21 44
7 साल से कम की सजा 110 155
टोटल 208 354
केस 1
मासूम की गला दबाकर हत्या, 22 साल बाद मिला पिता को इंसाफ
खजनी एरिया में 13 अप्रैल 1999 को रामबेचन के 7 साल के बेटे सत्यपाल की रस्सी से गला कसकर हत्या कर दी गई थी। बच्चों की कहासुनी के बाद रामदवन और उसकी मां ने मिलकर पहले रस्सी से गला दबाया, फिर चाकू से भी प्रहार कर सत्यपाल की हत्या कर दी थी। ये मामला करीब 22 साल चला। ऑपरेशन शिकंजा अभियान शुरू होने पर इसमे तेजी आई। जिला शासकीय अधिवक्ता यशपाल सिंह के हाथ में आते ही इस केस में परत दर परत खुलती चली गई। शासकीय अधिवक्ता की पैरवी से 11 नवंबर को बच्चे की हत्या में शामिल आरोपितों को जुर्माना के साथ आजीवन कारावास की सजा हुई।
केस 2
पिता ने बेटी के प्रेमी मारकर कुंडी में लटका दिया
2018 में खजनी एरिया में ऑनर किलिंग का एक मामला आया था। इस मामले में बेटी के प्रेमी का पिता ने मर्डर कर सनसनी फैला दी थी। लड़की के पिता ने पहले प्यार से बेटी के प्रेमी को घर पर बुलाया था। इसके बाद उसे मारकर कुंडी में लटका दिया था। मृत लड़के के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अतुल शुक्ला ने पैरवी की, जिसका नतीजा ये रहा कि घटना के 4 साल बाद 12 जुलाई 2022 को हत्या में शामिल लड़की के पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
केस 3
रेप के आरोपियों को मिली सजा
खोराबार इलाके में साल 2012 में एक युवती का अपहरण कर उसके साथ रेप की घटना हुई थी। इस मामले बने आरोपी मनोज पाल और अन्य बहुत ही प्रभावशाली थे। लेकिन अभियोजन अधिकारी एडीजीसी रमेश चंद्र पाण्डेय द्वारा लगातार की गई पैरवी से 20 जुलाई 2022 को दो अभियुक्तों को सजा मिली है। न्यायालय ने आरोपी मनोज पाल को सात साल का कठोर कारवास और दस हजार अर्थदंड जमा करने की सजा दी। साथ ही इसमे शामिल छोटू उर्फ संदीप को पांच साल की सजा और जुर्माना लगाया।
ऑपरेशन शिकंजा के तहत प्रभावी पैरवी कर अपराधियों को सजा दिलाई जा रही है। इस अभियान का असर अब देखने को मिल रहा है। पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए हर मुकदमे पर हमारी नजर है, उसमे आने वाली सारी रुकावटें दूर कर जल्द मुकदमों को निपटारा किया जा रहा है।
अखिल कुमार, एडीजी जोन