गोरखपुर : जीडीए उपाध्यक्ष आनन्द वद्र्धन ने 25 सितंबर को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश 28 अप्रैल, 2023 से लागू होगा। इस बीच जो लोग मांग पत्र के बाद पैसा जमा कर चुके होंगे, उनपर यह आदेश लागू नहीं होगा। जिनको मांग पत्र जारी हुआ है, लेकिन पैसा जमा नहीं किया गया है, उन्हें इसका लाभ मिलेगा।
जीडीए से नक्शा पास कराने में विभिन्न शुल्कों के साथ उपविभाजन एवं निरीक्षण शुल्क भी लगता था। उपविभाजन शुल्क काफी अधिक होता था। उदाहरण के लिए किसी क्षेत्र का सर्किल रेट यदि 16 हजार रुपये हो और 200 वर्ग मीटर पर नक्शा पास कराना हो तो लगभग 32 हजार रुपये से अधिक उपविभाजन शुल्क लगता था। इसी तरह 300 वर्ग मीटर कवर्ड एरिया हो तो छह हजार रुपये निरीक्षण शुल्क लगता था। सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के लागू होने के बाद मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण व अन्य बनाम राजेश शर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल थी। सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल, 2023 को आदेश दिया था। उसके बाद कुछ प्राधिकरणों ने यह व्यवस्था लागू कर दी थी। अब दाखिल नक्शा पर परमिट शुल्क, विकास शुल्क, मलवा शुल्क, बेटरमेंट शुल्क एवं शमन के मामले में शमन शुल्क लगेगा।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले में पहले ही आदेश जारी किया गया था। धीरे-धीरे विभिन्न विकास प्राधिकरणों में भी यह आदेश लागू किया गया। जीडीए में भी 25 सितंबर को आदेश जारी किया गया है। विभिन्न प्रकार के शुल्क लगेंगे लेकिन, उपविभाजन एवं निरीक्षण शुल्क नहीं लगेगा। आदेश 28 अप्रैल, 2023 से लागू होगा। इससे लोगों को राहत मिलेगी।
आनन्द वद्र्धन, जीडीए वीसी