गोरखपुऱ (ब्यूरो)। अब बिजली निगम इच्छुक लोगों सौर एनर्जी लगाने के लिए प्रेरित करेगी। साथ ही उन्हें बिजली की बचत और उसके लाभ के बारे में जानकारी भी देगी।
रूफ टॉप प्लांट पर ऑफर
बिजली कनेक्शन के अलावा सप्लाई के लिए घर में सोलर रूफ टॉप प्लांट लगवाने वाले लोगों को महीने की कुल बिजली खपत पर डिस्काउंट के लिए नेट मीटर का ऑफर दिया जा रहा है। यानी किसी के यहां अगर 10 किलोवाट का सोलर रूफ टॉफ लगा है और डेली 5 किलोवाट बिजली खपत हो रही है तो बची हुई पांच किलोवाट बिजली नेट मीटर के जरिए बिजली निगम के ग्रिड को चली जाएगी। इस डेली पांच किलोवाट बिजली की रीडिंग नेट मीटर में फीड होती जाएगी। महीने के लास्ट में जिस यूनिट चार्ज के हिसाब से कंज्यूमर्स बिल देता है, उसी के अनुसार उसे वापस ली गई महीने भर की बिजली के बराबर डिस्काउंट या फिर आगे के लिए उतनी ही सप्लाई दे दी जाएगी। इस तरह सोलर रूफ टॉप की बिजली बेचकर बिजली बिल मे खर्च होने वाले रुपए कंज्यूमर्स बचा सकते हैं। जो बचेंगे, वह आपकी बिजली की बिक्री से हुई कमाई मानी जाएगी।
सोलर एनर्जी से बिजली की काफी बचत होगी, क्योंकि जो एनर्जी बर्बाद हो जाती थी, उसका इस्तेमाल लोग घर रोशन करने में कर रहे है। इससे पब्लिक के साथ ही प्रकृति को भी काफी लाभ होगा। इसके लिए बिजली निगम लोगों को प्रेरित कर रही है।
- ई। लोकेंद्र बहादुर सिंह, एसई शहरडायरिया नेट जीरो अभियान को सफल बनाएंगी गुलाबी दीदी
डेटॉल डायरिया नेट जीरो कार्यक्रम के माध्यम से चारगांवा ब्लॉक क्षेत्र में 225 गुलाबी दीदी को प्रशिक्षण दिलाया गया। ये महिलाएं नौनिहालों की स्वास्थ्य सुरक्षा के सात सूत्रों के बारे में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगी। जागरण पहल और डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया अभियान के तहत 800 से 1000 गुलाबी दीदी को प्रशिक्षण दिया जाना है। अब तक 225 गुलाबी दीदी को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जिसमें डायरिया के रोकथाम एवं उपचार के सात सूत्रों की जानकारी दी गई है। चरगावां ब्लॉक के कोऑर्डिनेटर मंजू की देखरेख में प्रशिक्षण पूरा हुआ। इसमें एलजीडी उर्मिला निषाद, आंगनबाड़ी, आदि शामिल रहे।
साबुन से हाथ धुलना बताया
मंजू ने बताया कि प्रशिक्षित सभी गुलाबी दीदी की ओर से गांव जंगल छत्रधारी में ओआरएस काउंटर लगाया गया और बच्चों को पिलाया गया। साबुन से 20 सेकंड तक हाथ कैसे धुलना है, साथ ही बेबी स्पंज के माध्यम से लोगों को डेमो दिखाकर बताया गया कि बच्चों में डायरिया के दौरान कैसे निर्जलीकरण होता है फिर ओआरएस का घोल देने से कैसे बच्चों को पानी की कमी की पूर्ति होती है। कार्यक्रम के दौरान नुक्कड नाटक, वॉल पेंटिंग, ओआरएस काउंटर का आयोजन, माताओं के साथ बैठक, दस्तक अभियान में भागीदारी, पोषण माह में भागीदारी और डेटोल डायरिया नेट जीरो किट का वितरण स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल कल्याण विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर किया गया।