गोरखपुर (ब्यूरो)।अब पीडि़तों के मुकदमों की पैरवी सभी इंस्पेक्टर और एसआई भी करेंगे। इंस्पेक्टर और एसआई को दो-दो मुकदमे दिए जाएंगे, जिनकी पैरवी तेज कर पीडि़तों को जल्द न्याय और अपराधी को सजा दिलाएंगे। डीआईजी जे। रविन्द्र गौड़ ने गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया और कुशीनगर के कप्तान के साथ मीटिंग कर इसका निर्देश भी दे दिया है।
डीआईजी ने की पहल
हर साल कोर्ट में हजारों मुकदमे थानों से जा रहे हैं। वहीं निस्तारित मुकदमों की संख्या बेहद कम है। अधिकतर मुकदमे पैरवी की वजह से अटके हैं। इसको देखते हुए डीआईजी ने नया प्लान तैयार किया है। प्लान के अनुसार सर्किल के सभी इंस्पेक्टर, एसआई के साथ-साथ कप्तान के रीडर और पेशकार को दो-दो मुकदमे पैरवी करने के लिए मिलेंगे।
पोर्टल पर डेली देनी होगी रिपोर्ट
पैरवी में पुलिसकर्मी ढिलाई न बरतें। इसके लिए उन्हें डेली पोर्टल पर रिपोर्ट भेजनी होगी। जिसमे मुकदमे का स्टेटस और उसमे अगले दिन क्या करना है ये सारी बातें होंगी। पोर्टल में अधिकारी भी जुड़े रहेंगे, जो इसकी मॉनिटरिंग करेंगे।
ऑपरेशन शिकंजा दिला रहे सजा
गोरखपुर पुलिस अपराधियों को सजा दिलाने के लिए ऑपरेशन शिंकजा चला रही है। जिसके जरिए आपराधिक मुकदमों में थाने के पैरोकार और दिवान पैरवी करते हैं। इस अभियान का रिजल्ट अच्छा रहा है। इसके जरिए काफी मुकदमों की पैरवी तेज कर अपराधियों को सजा भी दिलाई गई है। इस अभियान में और तेजी आए इसके लिए इंस्पेक्टर और एसआई को भी इससे जोड़ा गया है।
गवाही देने में आनाकानी करते हैं पुलिसकर्मी
कई मुकदमे जो पुराने हो जाते हैं, जिनमें पुलिस की भी गवाही होती है। लेकिन पुलिस कर्मी का ट्रांसफर दूसरे जिले में हो जाता है। ऐसे में उन्हें बुलाकर गवाही कराना मुश्किल होता है, जिससे मुकदमें की फाइल अटकी रहती है। इंस्पेक्टर और एसआई की जिम्मेदारी होगी कि दूसरे जिले में पोस्टेड पुलिसकर्मी से बात करके समय से उनकी गवाही कराएं।
एक माह में 60 अपराधियों को दिलाई सजा
गोरखपुर में जनवरी 2023 में मॉनिटरिंग सेल की प्रभावी पैरवी से 31 मुकदमों में लिप्त 60 अपराधियों को सजा दिलाई गई है। एक माह में 14 अपराधियों को आजीवन कारवास, 3 को 10 वर्ष की सजा, 5 को 7 वर्ष की सजा और 38 क्रिमिनल्स को 7 वर्ष से कम की सजा कराई गई है।
फैक्ट एंड फीगर
50 इंस्पेक्टर हैं जाने में
400 एसआई हैं जोन
जनवरी में गोरखपुर में दिलाई गई सजा
सजा का प्रकार मुकदमे -------- क्रिमिनल
आजीवन कारावास 05 14
10 वर्ष की सजा 03 03
07 वर्ष की सजा 04 05
07 वर्ष से कम की सजा 19 38
मुकदमों की पैरवी तेज होगी, तो निस्तारण भी तेज होगा। पीडि़तों को न्याय दिलाना पुलिस का फर्ज है। मुकदमों में तेजी लाने के लिए अब इंस्पेक्टर और एसआई को भी जिम्मदारी सौंपी जाएगी। एक इंस्पेक्टर और एसआई दो-दो मुकदमे की पैरवी करेंगे।
जे। रविन्द्र गौड़, डीआईजी