गोरखपुर (ब्यूरो)। यही नहीं रात की नींद भी डिस्टर्ब होने से उनकी दिन का रूटीन डिस्टर्ब हो गया। कमोबेश यही हाल बैैंक कर्मी सविता सिंघानियां का भी रहा। वहीं गोरखपुर मेंं मौसम के बदलने के बाद से ही मच्छरों का प्रकोप भी तेजी के साथ बढऩे लगा है। आलम यह है कि शाम होते ही झुंड के रूप में डंक के साथ हमला कर रहे हैं। इसकी वजह से बच्चे और बुजुर्ग बाहर निकलने से कतराने लगे हैं। ऐसा नहीं है कि घर के चैन हो, मच्छरों ने वहां भी जीना हराम कर रखा है। बेबस गोरखपुराइट्स डेली नगर निगम की फॉगिंग टीम का इंतजार कर रहे हैं लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। रुस्तमपुर की ममता सिंह ने बताया कि शाम को बच्चों को बाहर निकलने से मना कर दिया है। हालांकि घर में मच्छर चैन से रहने नहीं दे रहे हैं। वह बार-बार मच्छरों से बचाने के लिए कहते हैं। इस पर उनके लिए मच्छरदानी का इंतजाम किया है।
कंट्रोल रूम में डेली कंप्लेन
फॉगिंग के लिए कंट्रोल रूप में डेली कंप्लेन की जा रही है। इसमें कुछ जगह टीम जाकर फॉगिंग कर रही है लेकिन फिर वहां दोबारा जाने की जहमत नहीं उठा रही है। कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल अभी 8 से 10 कंप्लेन आ रही हैं।
साइकिल से 500 मीटर फॉगिंग
नगर निगम की साइकिल वाली फॉगिंग मशीन एक बार स्टार्ट होने पर आधे घंटे चलती है। इस आधे घंटे में कर्मचारी अधिक से अधिक 500 मीटर ही फॉगिंग कर पाते हैं। मशीन बंद होने के बाद दोबारा फॉगिंग की व्यवस्था नहीं है। बड़ी मशीन 45 मिनट चलती है। यह पांच किलोमीटर से ज्यादा नहीं चल पाती है। हालांकि बड़ी मशीन से छिड़काव कब और कहां होता है, इसकी जानकारी लोगों को नहीं है।
साइकिल फॉगिंग पर खर्च
5 लीटर डीजल
1 लीटर पेट्रोल
25 एमएल दवा
बड़ी मशीन पर खर्च
50 लीटर डीजल
7 लीटर पेट्रोल
750 एमएल दवा
इनके भरोसे फॉगिंग
करीब 92 मशीन
5 बड़ी मशीन
पांच बड़ी और 20 छोटी मशीन की खरीदारी
नगर निगम फॉगिंग के लिए 5 बड़ी और 20 छोटी मशीन की खरीदारी कर रहा है। अपर नगर आयुक्त शिवपूजन यादव का कहना है कि सब कुछ फाइनल हो चुका है। जल्द ये मशीनें भी आ जाएंगी
वार्ड में कभी फॉगिंग होता नहीं देखा है। रोजाना मच्छर काट रहे हैं। इससे बचने के लिए बाजार से क्वायल, लिक्विड का इस्तेमाल कर रहा हूं। मच्छर दानी का भी इस्तेमाल करता हूं।
चंद्रभूषण त्रिपाठी, मोगलहा
वार्ड में फॉगिंग नहीं कराई जाती है। इसकी वजह से मच्छरों का आतंक इस कदर हो गया है कि शाम को न तो खुद बाहर निकलता हूं और न ही बच्चों को निकलते देता हूं।
आनंद वर्मा, वार्ड 46
फॉगिंग न होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। किसी दिन भी फॉगिंग होते नहीं देखा है। शाम होते ही काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। बाहर भी नहीं निकलता हूं।
प्रतीक कुमार गुप्ता
वार्ड 52
पार्षद बोले
महीने में एक से दो बार फॉगिंग किसी तरह से हो रही है। गर्मी शुरू हो चुकी है, मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
अशोक यादव, पार्षद, सपा दल के नेता
वार्ड में फॉगिंग एक मशीन से कराई जा रही है लेकिन वह नाकाफी है। 15 मिनट की फॉगिंग में वार्ड का कुछ हिस्सा ही कवर हो रहा है। मशीनों की संख्या बढ़ाकर फॉगिंग कराई जाए।
शिवेंद्र मिश्रा, पार्षद
हर वार्ड में रोजाना फॉगिंग कराई जा रही है। कंप्लेन आने पर अलग से रिजर्व में रखी मशीनों को भी भेजा जाता है। अगर कहीं फॉगिंग नहीं हो रहा है तो जिम्मेदार कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
शिवपूजन यादव, अपर नगर आयुक्त