गोरखपुर (ब्यूरो)। आकाश ने बताया कि उसके पापा ने उसका एडमिशन क्रिकेट में कराया था, लेकिन उसे क्रिकेट में मजा नहीं आ रहा था, जिसके बाद उसने क्रिकेट छोड़ दिया और पापा से रिक्वेस्ट कर स्वीमिंग में एडमिशन कराया है। सिर्फ आकाश ही नहीं, सिटी में तमाम ऐसे खिलाड़ी हैं जिम्होंने क्रिकेट, हॉकी और फुटबॉल को छोड़़ नए खेलों की तरफ रूख कर लिया है। ऐसे में यहां नए खेलों के खिलाडिय़ों की पौध तैयार होने लगी है।
क्रिकेट का क्रेज घटा
कुछ साल पहले तक खेलों में बच्चों की पहली पसंद क्रिकेट हुआ करती थी, लेकिन अब बच्चों का रुझान क्रिकेट, फुटबॉल और हॉकी से कम हो गया है, क्योंकि उन्होंने दूसरे खेलों का रुख कर लिया है। बच्चों की पहली पसंद अब तैराकी, जिम्नास्टिक, बास्केटबॉल और बैडमिंटन हो गए हैं। इस साल सिर्फ रीजनल स्टेडियम में ही करीब एक हजार बच्चों ने इन खेलों में एडमिशन लिया है। वहीं क्रिकेट, फुटबॉल और हॉकी में 100 से भी कम खिलाडिय़ों ने एडमिशन लिया है।
सबसे ज्यादा तैराकी का है क्रेज
रीजलन स्टेडियम में गर्मी की छुट्टियां होने के बाद खिलाडिय़ों की बाढ़ सी आ गई है। दो हजार से ज्यादा नए एडमिशन हुए हैं, लेकिन स्टेडियम में किसी खेल का सबसे ज्यादा क्रेज किसी खेल का है तो वह स्वीमिंग है। सिर्फ स्वीमिंग में ही इस साल 500 से अधिक बच्चों ने एडमिशन लिया है। इसी तरह जिम्नास्टिक में भी 50 से अधिक बच्चों ने एडमिशन लिया है। इसी तरह बास्केटबॉल में इस समय करीब 70 बच्चे खेल रहे हैं। बैडमिंटन में भी बड़ी संख्या में बच्चों ने एडमिशन लिया है। वहीं क्रिक्रेट में 50 बच्चे खेल रहे हैं तो हॉकी में 50 बच्चे इन दिनों खेल रहे हैं।
रोइंग में भी बढ़ी खिलाडिय़ों का क्रेज
गोरखपुर में रोइंग की शुरुआत पिछले साल हुई थी। जिसके बाद यहां के लोकल बच्चे रोइंग की ट्रेनिंग ले रही थे, लेकिन इस बाद लोकल के अलावा आसपास के जिलों के अलावा दूसरे स्टेट के बच्चें भी रोइंग की ट्रेनिंग के लिए पहुंच रहे हैं। रोइंग के कोच गणेश निषाद ने बताया कि इस साल रोइंग में 30 बच्चों का एडमिशन लिया गया है।
नए खेलों के प्रति बच्चों का रूझान बढ़ा है। स्टेडियम में नए खेलों की पौध तैयार हो रही है। आने वाले समय में यही बच्चे देश का नाम रौशन करेंगे।
- आले हैदर, रीजनल स्पोट्र्स ऑफिसर गोरखपुर.
क्रिकेट तो बहुत सारे बच्चे खेलते हैं, मुझे तैराकी पसंद है। इस लिए तैराकी में एडमिशन लिया है। देश के लिए तैराकी में मेडल लाना लक्ष्य है।
- पार्थ, तैराकी
बास्केटबॉल खेलना बहुत अच्छा लगता है। इससे हाइट की ग्रोथ अच्छी होती है वहीं बास्केटबॉल में स्कोप भी ज्यादा है।
- गौरिश, बास्केटबॉल
मुझे पीवी सिंधु बहुत पसंद है। उसी को देखकर मैने बैडमिंटन खेलने की शुरुआत की। पापा मुझे लेकर रोज स्टेडियम आते हैं।
- गोविंद, बैडमिंटन
मुझे क्रिकेट हॉकी पसंद नहीं है। जिम्नास्टिक करना अच्छा लगता है। मम्मी के साथ डेली स्टेडियम आती हूं। स्कूल खुलने के बाद भी आउंगी।
- माइका, जिम्नास्टिक