गोरखपुर (ब्यूरो)।जहां, डॉक्टरों ने उसकी हालत नाजुक देख बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। घायल कैदी विधाता हत्या के मामले में गोरखपुर जेल में बंद है। उसने यह आत्मघाती कदम क्यों उठाया, पुलिस इसकी जांच कर रही है।
दो बार पहले भी सुसाइड की कोशिश
जेल सुप्रीटेंडेंट ओपी कटियार ने बताया कि विधाता कुछ सनकी किस्म का बंदी है। उसने अपने घर पर भी दो बार सुसाइड की कोशिश की थी। हालांकि, जेल से निकलने के बाद उसके पास कोई धारधार चीज कहां से आई, यह जांच की जा रही है। पुलिस कस्टडी में हुई इस घटना के बाद जेल प्रशासन और पुलिस दोनों पर सवाल खड़े हो गए हैं। जबकि, इससे पहले भी जेल में छापामारी के दौरान कई बार चाकू और आपत्तिजनक सामान बरामद हुए हैं। इंस्पेक्टर कैंट शशिभूषण राय ने बताया कि बंदी ने अपनी गर्दन चाकू से काट ली है। उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
भाई की हत्या में बंद है विधाता
कोतवाली के ह_ी माता मंदिर हरिजन बस्ती के रहने वाले विधाता पर हत्या, गैर इरादतन हत्या, बलवा और गैंगेस्टर का मुकदमा कोतवाली थाने में दर्ज है। वह करीब ढाई साल से गोरखपुर जिला जेल में बंद है। शुक्रवार को वह जेल से कोर्ट में पेशी पर आया था। उसे जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच अन्य कैदियों संग पुलिस वैन में भेजा गया। यहां दीवानी कचहरी के सेशन लॉकअप में उसने एलुमिनियम के चाकू से अपनी गर्दन काट ली।
विधाता पर दर्ज हैं मुकदमें
- विधाता ने अपने भाई हेमंत उर्फ हूटर के साथ मिलकर 26 अक्टूबर 2020 को अपने बड़े भाई प्रेमशंकर की चाकू मारकर हत्या की थी। पुलिस ने प्रेमशंकर की पत्नी मृदुला की तहरीर पर केस दर्ज किया था।
- 5 नवम्बर 2013 को विधाता ने पड़ोसी गुड्डू को चाकू मारा था। उसकी बाद में मौत हुई थी। पुलिस ने गुड्डू के परिजन मंगल चौहान की तहरीर पर गैर इरादतन हत्या व हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया था।
- 6 अक्टूबर 2018 को विधाता और उसके साथियों ने पड़ोसी रुसखाना खातून के बेटे पर लाठी से हमला किया था। जिसमे बलवा, मारपीट का केस हुआ था।