गोरखपुर (ब्यूरो)।गौरी बाजार में उपभोक्ता रामगणेश ङ्क्षसह के परिसर में लगा मीटर सात दिसंबर 2019 को बदला जा चुका था। बिजली निगम ने अपनी जांच रिपोर्ट एसटीएफ को भेज दी है। सवाल यह है कि जिन मीटरों को लखनऊ में एटीएफ ने जब्त किया उनके नंबर कैसे गोरखपुर जोन के मीटरों के नंबर से मिल रहे हैं। बिजली निगम के अभियंता भी इस सवाल का जवाब तलाश रहे हैं।
पांच सदस्यों को किया था अरेस्ट
पिछले साल पांच दिसंबर को एसटीएफ ने लखनऊ में एक गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था। सभी के पास से बिजली के मीटर बरामद हुए थे। गिरोह के सदस्य मीटर में शंट लगाते थे। इससे मीटर धीमी गति से चलने लगता था। बिजली की ज्यादा खपत के बाद भी कुछ यूनिट ही रीङ्क्षडग बढ़ती थी। गिरोह स्मार्ट मीटरों में भी शंट लगाता था। गिरोह के पास से बरामद मीटरों की जांच की गई तो 19 मीटरों के नंबर गोरखपुर जोन को आवंटित मिले। इसके आधार पर एसटीएफ ने मीटर नंबर, उपभोक्ता का नाम आदि विवरण देते हुए बिजली निगम के अफसरों से 14 सवालों के जवाब मांगे थे।
यहां के इतने मीटर
गोरखपुर - 01
देवरिया - 06
कुशीनगर - 06
महराजगंज - 06
अभियंताओं ने एसटीएफ की ओर से मिली सूची के आधार पर मीटरों की जांच की। एक कनेक्शन तीन साल पहले स्थायी रूप से विच्छेदित हो चुका है। सूची में दर्ज मीटर नंबर के आधार पर 18 परिसरों की जांच की गई। जो नंबर लखनऊ एसटीएफ ने भेजे हैं, उसी नंबर के मीटर जोन के उपभोक्ताओं के परिसर में चलते मिले। रिपोर्ट भेज दी गई है।
आशु कालिया, चीफ इंजीनियर