गोरखपुर (ब्यूरो)।शनिवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने यूनिवर्सिटी से बस स्टैंड तक ई-बस में सफर किया तो चौंकाने वाले तस्वीर देखने को मिली। महिला सवारी खड़ी थीं और पुरुष उनकी रिजर्व सीट पर बैठे थे। कंडक्टर ने भी पुरुषों को महिला सीट से उठने को नहीं कहा। जबकि कंडक्टर्स को निर्देश हैं कि वह महिलाओं को सीट दिलाएं। लेकिन इसके बाद भी हालत बद से बदत्तर है।
महिलाओं के लिए 4 सीट और दिव्यांगों के लिए 1 सीट रिजर्व
महानगर के विभिन्न रूटों पर पैसेंजर्स की बेहतर सुविधा के लिए 25 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने शनिवार दोपहर बस में सफर किया तो पता चला कि महिलाएं भी ई-बस मेें सफर के दौरान में सफर कर रही हैं। ई-बस में महिलाओं के लिए चार सीट और दिव्यांगों के लिए एक सीट रिजर्व हैं। लेकिन बस के अंदर पैसेंजर्स की काफी भीड़ नजर आई। बस में सवार महिलाएं खड़ी होकर सफर कर रही थी। उनकी सीट पर पुरुष बैठे थे। उन्होंने अपनी सीट छोड़ कर महिलाओं को सीट देने की जहमत तक नहीं दिखाई। दूसरी ओर कंडक्टर टिकट काटने में जुटा रहा, लेकिन उसने महिलाओं को सीट तक नहीं मुहैया कराई।
किराया फुल, सुविधाएं अधूरी
विभिन्न रूटों पर ई-बस का किराया फिक्स है। पर सुविधाएं अधूरी हैं। एक महिला पैसेंजर का कहना है कि सिटी ई-बस में काफी भीड़ रहती है। पुरुष सीट पर बैठे रहते हैं, लेकिन सीट तक नहीं छोड़ते। इसकी वजह से बस में सफर करने में प्रॉब्लम होती है।
किराया बढ़े, लेकिन सुविधा मिलनी चाहिए
नगरीय विकास निदेशालय ने न्यूनतम यात्री किराया पांच रुपए बढ़ाने के लिए सिटी ट्रांसपोर्ट प्रबंधक को पत्र भेजा है। अब बोर्ड की बैठक में किराया बढ़ाने पर विचार करने की बात चल रही है। पैसेंजर्स को तीन किमी पर 10 रुपए किराया देना होगा। उधर पैसेंजर्स को कहना है कि किराया तो बढ़ाया जा रहा है, लेकिन इसके सापेक्ष सुविधा मिलनी चाहिए। मगर ई-बस में महिलाओं को फैसिलिटी नहीं मिल पा रही है।
ई-बस में सीट से ज्यादा पैसेंजर सवार हो रहे हैं। पूरी सीट फुल होने से काफी प्रॉब्लम होती है। खड़े होकर सफर करना पड़ता है।
संगीता, पैसेंजर
सीट पर ज्यादातर पुरुष ही बैठे रहते हैं। महिला पैसेंजर खड़ी रहती हैं लेकिन कोई भी ध्यान नहीं देता है।
पूनम, पैसेंजर
सुविधा के नाम पर पैसेंजर से किराया तो लिया जा रहा है, लेकिन बस के अंदर बैठने तक की सीट नहीं है। इससे अन्य पैसेंजर्स को दिक्कत होती है।
श्वेता, पैसेंजर
काली मंदिर तक जाना था। बस में सवार हुई, लेकिन सीट पर बैठे व्यक्ति और कंडक्टर ने भी ध्यान नहीं दिया। बस में खड़े होकर सफर करना पड़ा।
अनुष्का मिश्रा, पैसेंजर
ई-बस में महिला पैसेंजर्स के लिए चार सीट रिवर्ज हैं। साथ की कंडक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि महिलाओं को सीट उपलब्ध कराई जाए। इसकी जांच कराई जाएगी।
केके मिश्रा, डिपो प्रबंधक
फैक्ट एंड फीगर
25 इलेक्ट्रिक बसें सिटी में दौड़ रही हैं
8 रूट सिटी एरिया में निर्धारित हैं
332 स्टॉपेज विभिन्न रूट में बनाए जाने हैं