गोरखपुर (ब्यूरो)। पीजीआई की तर्ज पर मेडिकल कॉलेज में होगा किडनी ट्रांसप्लांट
सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में आईसीयू-ओटी तैयार, हरी झंडी का इंतजार
नेफ्रोलाजिस्ट की तैनाती हो गई है। जल्द ही वह ज्वाइन कर लेंगे। इसके बाद किडनी ट्रांसप्लांट शुरू करा दिया जाएगा।
खत्म हो चुका है एग्रीमेंट
मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक खुल गया है। नेफ्रोलाजिस्ट की यहां तैनाती थी लेकिन चार माह पूर्व उनका एग्रीमेंट समाप्त हो गया। तभी से यह पद खाली पड़ा था। जहां आइसीयू व ऑपरेशन थियेटर सुपर स्पेशियलिटी में पहले से हैं। नेफ्रोलॉजिस्ट के ज्वाइन करने के बाद यहां किडनी ट्रांसप्लांट शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए लगभग सभी संसाधन मौजूद हैं।
महानिदेशक से लेनी होती हैं अनुमति
किडनी दान के लिए पहले अस्पताल में ब्लड ग्रुप मैचिंग व अन्य जांचें होती हैं। सभी अनुकूल पाए जाने पर महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा से अनुमति के बाद ही किडनी ट्रांसप्लांट किया जाता है।
किडनी ट्रांसप्लांट के लिए रेफर होते हैं 100 पेशेंट
जिले में प्रतिवर्ष 100 से अधिक पेशेंट्स को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए लखनऊ और दिल्ली के लिए रेफर किया जाता है। ये ऐसे पेशेंट होते हैँ जिनका डायलिसिस से काम नहीं चल पाता।
10 बेड की डायलिसिस यूनिट
मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय में नौ बेड की डायलिसिस यूनिट है। इसमें से एक मशीन खराब है। 500 बेड का बाल रोग चिकित्सा संस्थान में 10 बेड की डायलिसिस यूनिट है। इसे फरवरी में शुरू करना था। ट्रायल हो गया था, लेकिन अभी शुरू नहीं हो पाई है। इस समय 200 लोग वेटिंग में हैं।
100 अधिक किडनी पेशेंट्स को लखनऊ किया जाता है रेफर
500 बेड बाल रोग चिकित्सा संस्थान में खुलेगा सेंटर
10 बेड वाला होगा वार्ड
200 पेशेंट डायलिसिस के लिए वेटिंग में
मेडिकल कॉलेज में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होने से नेपाल, बिहार और आसपास के जिलों से आने वाले पेशेंट्स को राहत मिलेगी। इसके लिए उन्हें लखनऊ और दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। जल्द ही बाल रोग संस्थान विभाग में 10 बेड का वार्ड तैयार कर दिया जाएगा।
- डॉ। सुनील आर्या, प्रिंसिपल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज