गोरखपुर: भगवानपुर, महराजगंज के ऐश्वर्य पति त्रिपाठी ने अपनी 87 वर्षीय दादी करुणावती को शुक्रवार को रात 11 बजे मेडिसिन वार्ड नंबर पांच में भर्ती कराया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ है। उनका आरोप है कि शनिवार की सुबह 8:30 बजे जूरियर डॉक्टर शहनवाज आए और रिपोर्ट मांगी। उन्हें बताया गया कि दस बजे लैब खुलेगी, तब रिपोर्ट मिल पाएगी।

गुस्सा हुए डॉक्टर
इस पर डॉ। शहनवाज क्रोधित हो गए और कहे कि तुम मुझसे ऊंची आवाज में बात करोगे, यह कहकर उन्होंने धक्का देकर गिरा दिया और मारने लगे। जब मैंने विरोध किया तो उन्होंने 15-20 और जूरियर डॉक्टरों को बुला लिया और कमरे में बंद कर बुरी तरह मारा।

सीएम से शिकायत
उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से करने के साथ ही गुलरिहा थाने में भी तहरीर दे दी है। मामला संज्ञान में आते ही कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। रामकुमार जायसवाल ने तत्काल प्रारंभिक जांच का आदेश दिया। जांच के दौरान आरोपित डा। शहनवाज ने बताया कि तीमारदार ने उनके ऊपर चप्पल फेंकी थी। उसे कमरे में बंद कर दिया गया, लेकिन मारा-पीटा नहीं गया। पुलिस बुलाकर उसे सौंप दिया गया।

मामले की प्रारंभिक जांच करा ली गई है। प्रारंभिक जांच में अटेंडेंट ने चप्पल फेंकने की बात स्वीकार की है। जांच अधिकारी के सामने दोनों पक्ष ने समझौता कर लिया था, लेकिन पुन: अटेंडेंट की शिकायत मिली है। इसलिए जांच कमेटी गठित कर तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।
- डॉ। रामकुमार जायसवाल, प्रिंसिपल, बीआरडी मेडिकल कालेज