गोरखपुर (ब्यूरो)।दोनों संस्थानों में इनफ्लुएंजा के नए स्ट्रेन एच3एन2 की जांच होगी। इसको लेकर शासन ने ग्रीन सिग्नल दे दिया है। दोनों संस्थानों में जांच के लिए आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सोमवार की शाम को शासन द्वारा जारी गाइडलाइन में दोनों संस्थानों को ग्रीन सिग्नल मिला।
मॉकड्रिल कराया, टीमें तैयार
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग और आरएमआरसी के बीएसएल लैब में इसको लेकर मंगलवार को दिनभर गहमागहमी रही। दोनों ही संस्थानों में जांच के लिए आवश्यक मॉकड्रिल किया गया। इसके लिए एक्सपर्ट की अगुवाई में टीमें तैयार कर ली गई है। आरएमआरसी के मीडिया प्रभारी डॉ। अशोक पांडेय ने कहा कि इसकी जांच के लिए पीसीआर मशीन और आरएनए एक्सट्रैक्टर की जरूरत होती है। यह दोनों मशीनें मौजूद हैं।
जिला अस्पताल और सीएचसी में रिजर्व हुए बेड
यूपी में इनफ्लुएंजा के बढ़ते मरीजों को देखते हुए शासन ने गंभीरता दिखाना शुरू कर दिया है। शासन ने इसके लिए अलग वार्ड बनाने का निर्देश स्वास्थ्य महकमा को दिया है। इसका क्रियान्वयन भी शुरू हो गया है। जिला अस्पताल में 10 बेड का आईसोलेशन वार्ड बनाया जाएगा। इसकी तस्दीक सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे ने की। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में इमरजेंसी में स्पेशल आईसोलेशन वार्ड बनेगा। वहीं इनफ्लुएंजा के मरीज भर्ती होंगे। इसके अलावा हर सीएचसी पर पांच-पांच बेड का वार्ड तैयार किया जाएगा।
कैंसिल होगा डॉक्टर विहीन अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन
एक से अधिक अस्पतालों का संचालन कर रहे डॉक्टरों ने अन्य अस्पतालों से अपना नाम वापस ले लिया है। इससे अनेक अस्पताल डॉक्टर विहीन हो गए हैं। सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे ने ऐसे अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे 20 मार्च तक चिकित्सक परिवर्तन के लिए प्रत्यावेदन दे दें, अन्यथा उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा। सीएमओ ने बताया कि पिछले 25 जनवरी को दो या दो से अधिक हॉस्पिटल में कार्यरत फुल टाइम डॉक्टर्स की सूची जारी की गई थी। उन्होंने एक के अलावा अन्य अस्पतालों से अपना नाम वापस ले लिया है। डॉक्टर विहीन चिकित्सालयों के संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वर्तमान में कार्यरत डॉक्टर का फोटोयुक्त शपथ पत्र एवं स्वहस्ताक्षरित शैक्षिक अभिलेख उपलब्ध कराएं ताकि सत्यापन किया जा सके।
पब्लिक प्लेस मास्क व सेनेटाइजर है जरूरी
सीजनल एंफ्लूएंजा एच3एन2 के रोकथाम के लिए प्रोटोकाल जारी कर दिया गया है। इसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से गाइडलाइन जारी की गई है। सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि एन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए एसओपी जारी कर दी गई है। सभी लोगों को एहतियात बरतना जरूरी है। दो गज की दूरी और मास्क है जरुरी के फॉर्मूले को अपनाना होगा।
क्या है सीजनल एन्फ्लूएंजा के लक्षण
- खांसी, गले में खराश, नाक बहना या बंद रहना, सिरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, ठंड लगना, थकान, सांस फूलना, दस्त एवं उल्टी
एच3एन2 के संक्रमण से बचाव व रोकथाम के लिए दिशा निर्देश
- सार्वजनिक स्थलों, अस्पताल, ऑफिसेज, मार्केट एवं भीड़भाड़ वाले जगहों पर मास्क व सेनेटाइजर का यूज करना है।
- खांसते व छींकते वक्त नाक एवं मुंह ढक कर रखना है।
- नाक, चेहरा एवं आंख को बार-बार छूने से बचना है
- पानी एवं तरल पदार्थ का अत्यधिक यूज करना।
- हाथ मिलाने एवं गले मिलने से बचें
- सार्वजनिक स्थलों पर थूके नहीं
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है।
- वृद्ध एवं बच्चों को भीड़-भाड़ वाले जगहों पर ले जाने से बचे
- सार्वजनिक स्थान, मार्केट व भीड़भाड़ वाले स्थानों पर साफ-सफाई का ख्याल रखना
- एनफ्लूएंजा के लक्षण आने पर नजदीकी अस्पताल में संपर्क करना।