गोरखपुर (ब्यूरो)। वहीं, पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। बेतहाशा गर्मी बढऩे से स्टूडेंट्स में तनाव का लेवल काफी बढ़ गया है। इस समय कॉलेजों में एग्जाम चल रहे हैं। नतीजा मजबूरी में स्टूडेंट्स को कॉलेज जाना पड़ रहा है।

आज-कल कॉलेजों में भी परीक्षाएं चल रही है जिसके कारण विद्यार्थियों को गर्मी की परवाह किए बिना अपनी परीक्षा देनी पड़ रही है। ऐसी स्थिति में स्टूडेंट्स के दोतरफा दबाव पड़ रहा है। नतीजा उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है। इन दिनों करीब से 20 से 25 स्टूडेंट रोजाना तनाव की शिकायत लेकर मनोविज्ञानिकों के पास पहुंच रहे हैं।

तनाव ग्रस्त स्टूडेंट्स में दिखते हैं ये लक्षण

स्टूडेंट्स में तनाव का आलम कुछ ऐसा है कि उनमें निराशा की भावना विकसित हो रही है। स्टूडेंट्स के अन्दर हीट एन्जाइटी, चक्कर आना, स्ट्रेस हार्मोन्स, कोलेस्ट्राल और एड्रेनलिन जैसे हार्मोंस बढऩे से उनके स्वभाव में गुस्सा और आक्रामकता बढ़ रही है। चिलचिलाती धूप से परेशान स्टूडेंट अपशब्दों का भी प्रयोग करते हैं।

तनाव कम करने के लिए करें ये उपाय

- रोजाना सुबह जॉगिंग और वॉकिंग के साथ ही योगा और मेडिटेशन करना चाहिए।

- थोड़ी-थोड़ी देर पर ग्लूकोज मिला वॉटर पीते रहें ताकि शरीर में पानी और एनर्जी कम न होने पाए।

- हल्के रंग के कपड़े पहनें।

- खुश रहने वाले लोगों से मिलें और बातचीत करें।

- बैलेंस डाइट लें और गर्मी के फलों जैसे तरबूज खरबूज आदि का सेवन करें।

गर्मी बढऩे स्टूडेंट्स के तनाव का स्तर काफी बढ़ रहा है। इस समय करीब 20 से 25 स्टूडेंट रोजाना काउंसलिंग के लिए आ रहे हैं। उन्हें तनाव नियंत्रण के साथ ही अच्छी जीवन शैली अपनाकर इससे बाहर आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

- डॉ। स्वेता जॉनसन, प्रवक्ता और मनोवैज्ञानिक, सेंट ऐड्रंयूज डिग्री कॉलेज

तनाव का स्तर बढऩे से कुछ स्टूडेंट गलत कदम की ओर बढऩे लगते हैं। स्टूडेंट्स को ऐसा नहीं करना चाहिए हर समस्या का समाधान होता है। इस समय करीब 25 स्टू्रडेंट्स की डेली काउंसलिंग की जा रही है।

डॉ। तपस कुमार, मनोचिकित्सक