गोरखपुर (ब्यूरो)।इसकी वजह से जिला अस्पताल, महिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकल कॉलेज पर दबाव बढ़ गया है। इसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उधर जिम्मेदारों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र पर अगर अल्ट्रासाउंड मशीनें होती तो मरीजों को जांच कराने के लिए दौड़ भाग नहीं करनी पड़ती। दूर दराज से आने वाले मरीजों को काफी प्रॉब्लम होती है।
मेडिकल कॉलेज में दो माह वेटिंग
इमरजेंसी को छोड़ दिया जाए तो मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए मेडिकल कॉलेज में दो-दो माह और जिला अस्पताल, महिला अस्पताल में एक हफ्ते की डेट मिलती है। बताते चलें कि जिले में 21 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेत 205 उपकेंद्र बनाए गए हैं। 75 स्वास्थ्य केंद्र भी हैं। मौजूदा समय में 279 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी संचालित किए जा रहे हैं। लेकिन इनमें से एक भी केंद्र ऐसा नहीं है, जहां पर अल्ट्रासाउंड मशीन हैं।
नहीं हो रहा तत्काल इलाज
अल्ट्रासाउंड मशीने न होने की वजह से इन केंद्रों पर गर्भवती समेत दूसरे मरीजों का अल्ट्रासाउंड न होने से तत्काल इलाज नहीं हो पा रहा है। ऐसे में लोगों को जिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए दौड़ लगानी पड़ती है। इस वजह से इन अस्पतालों में संसाधन कम पड़ जाते हैं। इससे मरीजों को परेशानी होती है। मजबूरी में उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल्स का सहारा लेना पड़ता है।
फस्र्ट रेफरल यूनिट में रहनी चाहिए अल्ट्रासाउंड मशीन
जिले में हेल्थ डिपार्टमेंट ने सात सीएचसी को फस्र्ट रेफरल यूनिट बनाए हैं। इनमें चार क्रियाशील नहीं हैं। जबकि, सहजनवां, पिपराइच और कैंपियरगंज सीएचसी चल रहे हैं। इन केंद्रों पर सीजेरियन और सामान्य प्रसव भी होते हैं। इसके बावजूद इन केंद्रों में एक भी अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं है।
सिर्फ 60 से 70 मरीजों का अल्ट्रासाउंड
जिला महिला अस्पताल की स्थित यह है कि इमरजेंसी में प्रसव कराने वाली मरीजों का प्राथमिकता के आधार पर अल्ट्रासाउंड किया जा रहा है। इस अस्पताल में डेली दो मशीनों से 60 से 70 मरीजों का अल्ट्रासाउंउ किया जा रहा है। जबकि, मरीजों की संख्या काफी है।
केस 1- सहजनवां की रहने वाली आरती देवी अपनी बहू को लेकर महिला अस्पताल अल्ट्रासाउंड कराने पहुंची लेकिन काफी भीड़ होने की वजह से जांच नहीं हुई। उन्हें मायूस होकर घर लौटना पड़ा।
केस 2- कैंपियरगंज की रहने वाली शोभा देवी अपने एक रिश्तेदार के साथ अल्ट्रासाउंड कराने के लिए फस्र्ट रेफरल यूनिट पहुंची लेकिन यहां अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं होने से वह महिला अस्पताल पहुंची लेकिन जांच नहीं हो सकी।
जिले में रेडियोलॉजिस्ट की बेहद कमी हैं। एक रेडियोलॉजिस्ट की महिला अस्पताल और एक की जिला अस्पताल में तैनाती की गई है। इसकी वजह से सीएचसी पर अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं लगाई गई हैं। जैसे ही रेडियोलॉजिस्ट मिलेंगे फस्र्ट रेफरल यूनिट केंद्रों पर मशीनें लगाई जाएंगी।
- डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ गोरखपुर