गोरखपुर (ब्यूरो).एक साल पहले अपराध पर लगाम लगाने के लिए एडीजी जोन ने ऑपरेशन तमंचा अभियान चलाया। इसका उद्देश्य अवैध असलहे कहां से आ रहे हैं, कौन सप्लाई कर रहा है और इससे जुड़े लोग कौन हैं ये पता करना था। एडीजी ने जोन के सभी पुलिस अधीक्षक को ये अभियान गंभीरता से चलाने का निर्देश दिया था। सभी पुलिस अधिक्षक को जनता से सूचना प्राप्त करने के लिए एक मोबाइल नंबर भी जारी कर उसका प्रचार प्रसार भी करना था। ताकि जनता की नजर में ऐसा कुछ आए तो फौरन वो पुलिस को सूचना दे सके।
केस- 1
कोतवाली में हुई थी दरोगा के बेटे की हत्या
कोतवाली इलाके में रिटायर्ड दरोगा के बेटे की चार जुलाई की देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। दरोगा के बेटे की उसके दोस्तों ने ही गोली मारकर हत्या की थी। बाद जब आरोपी अरेस्ट हुए तब उनके पास से पुलिस ने अवैध पिस्टल भी बरामद की थी। पिस्टल कहां से आई कौन लाया इसका पता आज तक नहीं चला।
केस 2
डीआईजी बंगले के बाहर फायरिंग
तीस जुलाई को डीआईजी बंगले के सामने जेएस हॉस्पिटल के संचालक पर फायरिंग कर हड़कंप मचा दिया। मरीज बेचने को लेकर विवाद में हिस्ट्रीशीटर सूरज समेत चार बदमाश इस घटना मेें शामिल थे। इस मामले में भी सूरज कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इसके बाद उससे अवैध असलहा बरामद कराया गया, लेकिन कहां से असलहा आया इसका पता आज तक नहीं चला।
केस 3
विसर्जन में दरोगा के बेटे की गोली मारकर हत्या
छह अक्टूबर की रात शाहपुर में रिटायर्ड दरोगा के बेटे की हत्या कर दी गई। विसर्जन के दौरान डीजे पर डांस करने को लेकर हुए विवाद में लकी निषाद ने दरोगा के बेटे विकास तिवारी पर पिस्टल से कई राउंड फायरिंग कर दी। घायल अवस्था में उसे अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मामले में भी अवैध पिस्टल का यूज किया गया है।
ऑपरेशन शिकंजा के तहत अवैध असलहे पकड़ जा रहे हैं। इसका मास्टर माइंड कौन है, इसका पता लगाया जा रहा है। अपराध को बढ़ावा देने वाले इस अवैध धंधे के मास्टर माइंड को बहुत जल्द पर्दाफाश किया जाएगा।
- डॉ। गौरव ग्रोवर, एसएसपी