गोरखपुर: यह कहना है एम्स गोरखपुर में पल्मोनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो। सुबोध कुमार का। वह विश्व सीओपीडी दिवस पर बुधवार को ओपीडी में रोगियों व स्वजन को जागरूक कर रहे थे। कहा कि सीओपीडी फेफड़ों का गंभीर रोग है। इससे सांस लेने में दिक्कत होती है। सक्रिय के साथ ही परोक्ष धूमपान भी फेफड़ों के लिए बेहद हानिकारक है। ग्रामीण क्षेत्रों में लकड़ी, गोबर के उपले या कोयले के इस्तेमाल से खाना पकाने पर उठने वाला धुआं खतरनाक साबित होता है। उन्होंने इन्हेलर के सही उपयोग के बारे में बताया।


असिस्टेंट प्रोफेसर डा। देवेश प्रताप ङ्क्षसह ने कहा कि लगातार सांस फूलना, छाती में भारीपन या जकडऩ महसूस होना सीओपीडी के लक्षण हैं। प्रो। आनंद मोहन दीक्षित ने बचाव के उपाय बताए। इस दौरान डा। अमन कुमार, डा। आदित्य नाग, डा। अभिषेक शर्मा, डा। दुर्गेश, डा। शशांक शेखर आदि मौजूद रहे।