बिजली चोरी का दाग मिटाने के लिए गोरखपुर मंडल के 5314 कंज्यूमर्स ने वन टाइम सेटेलमेंट यानी ओटीएस में छूट लेकर राजस्व निर्धारण राशि का पेमेंट कर दिया लेकिन केवल तीन खंडों से ही नो ड्यूज बिजली थाने को मिली। उनका दाग मिट गया। हालांकि मंडल के 5014 ऐसे कंज्यूमर्स पूरा पेमेंट करने के बाद भी बिजली थाना में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में फाइनल रिपोर्ट नहीं लग पा रही है। बिजली थाना उनसे नो ड्यूज मांग रहा है मगर अभियंता यह देने को तैयार नहीं हैं। अभियंताओं की दलील है कि योजना की शर्त के मुताबिक एक साल तक नियमित भुगतान के बाद ही नो ड्यूज दिया जाएगा। नतीजा यह है कि जोन प्रथम व द्वितीय के बिजली चोरी में पाबंद करीब पांच हजार पीडि़त खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
बिना नो ड्यूज के फाइनल रिपोर्ट नहीं
ऊर्जा निगम ने ओटीएस में बिजली चोरी का मुकदमा झेल रहे कंज्यूमर्स को राहत देने के लिए उन्हें छूट देकर पेमेंट करने को कहा। गोरखपुर मंडल के करीब 5314 लोगों ने करीब 30 करोड़ की छूट के साथ ही 20.28 करोड़ का पेमेंट कर मान लिया था कि बिजली चोरी का दाग मिट गया, मगर जब बिजली थाने से लगातार फोन आने लगे तो उनका माथा ठनका। उन्होंने थाने को बताया कि वह शमन शुल्क वगैरह की अदायगी कर चुके हैं इसलिए अब उनके एफआइआर में नियमानुसार फाइनल रिपोर्ट लगनी चाहिए। थाना बिना नो ड्यूज के फाइनल रिपोर्ट तैयार करने को तैयार नहीं है।
तीन खंडों से सिर्फ 200 नो ड्यूज
थाना प्रभारी राधेश्याम राय मुताबिक ओटीएस स्कीम खत्म हुए करीब एक माह से अधिक का समय हो गए। बिजली चोरी के मामलों में अबतक महज तीन खंडों से 200 नो ड्य़ृज प्रमाण पत्र आया है। शहरी क्षेत्र के वितरण खंड प्रथम को छोड़कर अन्य तीन डिवीजन ने किसी भी पीडि़त का नो ड्यृज प्रमाण पत्र थाने को नहीं भेजा है। कमोबेस यही हाल ग्रामीण वितरण मंडल प्रथम व द्वितीय के वितरण खंड का है। ग्रामीण वितरण खंड प्रथम व चौरीचौरा ने कुछ पीडि़तों का नो ड्यूज प्रमाण पत्र भेजा है। उसमें भी स्कीम की शर्त का उल्लेख करते हुए लिखा है कि पीडि़त के कनेक्शन पर सालभर तक बिल पेमेंट के बाद ही यह पत्र मान्य होगा। इससे मुकदमों में एफआर लगाने में परेशानी हो रही है। उधर वितरण खंडों के अभियंताओं का कहना है कि कारपोरेशन ने ओटीएस स्कीम में बिजली चोरी के मामले में राजस्व निर्धारण की राशि में 65 फीसदी की छूट के साथ ही शर्त रखी है कि बिजली चोरी के आरोपी निगम से कनेक्शन लेंगे और सालभर तक नियमित बिल भुगतान करेंगे। यही कारण है कि नो ड्यूज प्रमाण पत्र थाने को नहीं भेजा जा रहा है।
डिवीजन कंज्यूमर्स
ईडीसी प्रथम गोरखपुर 709
ईडीसी द्वितीय गोरखपुर 746
ईयूडीसी गोरखपुर 763
गोरखपुर जोन प्रथम कुल योग 2218
ईडीसी महराजगंज- 1097
ईडीसी देवरिया-- 1174
ईडीसी कुशीनगर-- 625
गोरखपुर जोन द्वितीय कुल योग--3096
दोनों जोन मिलाकर कुल योग- 5314
कंज्यूमर्स ने स्कीम में छूट लेकर पेमेंट किया--20.28 करोड़
कुल छूट मिली लगभग-30 करोड़
केस 1-2021 में सबसे बड़ा मामला सिकरीगंज एरिया के दुर्गविजय सिंह का था। बिजली चोरी के मामले में एफआइआर दर्ज हुआ। ओटीएस स्कीम के तहत छूट पाकर 20 लाख रुपए जमा किए। थाने पर नो ड्यूज नहीं पहुंचने की वजह से फाइनल रिपोर्ट नहीं लग पाई है।
केस 2-चौरीचौरा एरिया के रहने वाले विजय कुमार चौहान की मां के नाम से कनेक्शन है। बिजली चोरी के मामले में एफआइआर दर्ज हुआ। ओटीएस स्कीम के तहत पेमेंट किया लेकिन नो ड्यूज थाने पर नहीं पहुंचने की वजह से मामला पेंडिंग में हैं।
ओटीएस स्कीम के तहत बिजली चोरी के मामलों में राजस्व निर्धारण राशि में छूट के साथ ही एक शर्त है कि आरोपी कनेक्शन लेकर सालभर तक नियमित बिल जमा करेंगे। यदि आरोपी को कनेक्शन नहीं लेना है तो वह शपथ पत्र देकर नो ड्यूज प्रमाण पत्र अपने खण्ड से ले सकता है। यही वजह है कि कुछ खण्ड नो ड्यूज प्रमाण पत्र दे रहे और कुछ खण्ड नहीं दे रहें है। ऐसा नहीं है कि वे अपने मन से ऐसा कर रहे है।
ई। आशु कालिया, चीफ इंजीनियर