गोरखपुर (अमरेंद्र पांडेय)।उन्हे वृद्धा आश्रम जैसी संस्थाओं में शरण लेना पड़ता है तो फिर सवाल उठना भी लाजिमी है कि आखिरकार यह समाज और पढ़ी लिखे के आज की युवा पीढ़ी को आखिरकार हो क्या गया है।
केस 1
छोटी बेटी और दामाद ने गिफ्ट डीड कराकर हड़प ली प्रॉपर्टी
72 वर्षीय दुर्गा देवी बी-62 अंसारी रोड, गोरखनाथ की रहने वाली हैैं। उनका रो-रोकर बुरा हाल है, उनका एक बेटा और चार बेटियां हैैं। सभी की शादी हो चुकी है। वे बताती हैैं कि पति श्रीराम गुप्ता के निधन के बाद से ही वह अकेली पड़ गईं। उनका बेटा घर छोड़ चुका है, बेटियों में छोटी बेटी नीतू गुप्ता ने देखभाल का जिम्मा उठाया, लेकिन नीयत की गंदी निकली। दामाद गिरिजेश पेशे से लेखपाल है। दोनों ने मिलकर मेरी प्रॉपर्टी अपने नाम लिखवा ली और मुझे बेघर कर दिया। कुछ दिन गोरखनाथ स्थित रैन बसेरे में काटे। उसके बाद संत साईं सेवा संगठन की तरफ से मुझे गोकुल वृद्धा आश्रम में शिफ्ट कर दिया गया। दो साल हो गए, लेकिन मुझसे कोई मिलने नहीं आया। मेरे प्रॉपर्टी को कब्जा की शिकायत भी कमिश्नर रवि कुमार एनजी तक वृद्ध आश्रम की तरफ से की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जबकि जांच का जिम्मा एडीएम प्रशासन को दिया गया था।
केस 2
किसमती की किस्मत ही खराब
74 वर्षीय किसमती बताती हैैं कि वह भटहट स्थित अरौरलिया की रहने वाली हैैं, उन्हें बहुओं ने घर से निकाल दिया। उनके चार बेटे हैैं। बच्चों की शादी और घर बनवाने के लिए तीन डिसमिल जमीन बेची थी। जमीन बेचने को लेकर ही चारों लड़के और उनकी पत्नियां हमेशा विवाद करती थीं। हसबैैंड स्व। जसई के निधन के बाद से बहुओं ने घर से निकाल दिया। 10 फरवरी 2022 से वृद्धा आश्रम में हूं। कोई झांकने तक नहीं आया। बच्चों को पाल-पोष कर सभी का विवाह किया। लेकिन यह नहीं पता था कि एक दिन ऐेसा आएगा जो हमें ही अपने घर से बेगाना किया जाएगा। मुझे खुद की किस्मत पर दुख होता है।
इन बच्चों को क्या हुआ
यह दो केस सिर्फ बताने के लिए काफी हैं, एक मां-बाप चार बच्चों की परवरिश कर सकते हैं लेकिन चार बच्चे मिलकर एक मां-बाप की परवरिश नहीं कर सकते। यह कहीं न कहीं नैतिक पतन और गैर जिम्मेदारी नजर आती है। खैर, समाज कल्याण विभाग की देखरेख में संचालित गोरखपुर का इकलौता गोकुल वृद्धा आश्रम में आने वाले वृद्ध पुरुष और महिलाओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
ओल्ड एज होम में 16 कर्मचारी
वृद्ध आश्रम के सुप्रीटेंडेंट राम सिंह निषाद बताते हैैं कि 2016 से लेकर अब तक 326 वृद्ध आश्रम में निवास कर रहे हैैं, इनमें से कुछ पुनर्वासित हो चुके हैैं तो 77 अभी निवास कर रहे हैैं। इनके लिए अलग-अलग रूम हैं। इनकी प्रॉपर निगरानी के लिए कुल 16 कर्मचारियों के स्टाफ की तैनाती की गई है। तीन कुक खाना बनाते हैैं तो चार केयर टेकर हैं।
ओल्ड एज होम में हुए एडमिशन
सन - एडमिशन
2016 - 61
2017 - 32
2018 - 38
2019 - 77
2020 - 55
2021 - 28
2022 - 30
2022 - 05
गोकुल धाम वृद्धा आश्रम में मिलने वाली फैसिलिटी
- सुबह 7 बजे चाय व बिस्किट
- सुबह 9 बजे ब्रेक फास्ट
- दोपहर 12 बजे लंच
- शाम 4 बजे चाय
- रात 8.30 बजे डिनर समेत एक गिलास दूध
- आरओ वाटर
- टीवी
ये डॉक्टर करते हैं फ्री ट्रीटमेंट
- डॉ। एसके लॉट
- डॉ। शिवशंकर
- डॉ। एपी गुप्ता
- डॉ। यादवेंद्र सिंह
ओल्ड एज होम में रहने वाले वृद्धों की केयर के लिए टीम तैनात की गई है। उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसके लिए केयर टेकर लगाए गए हैैं। कई ऐेसे वृद्ध हैैं, जो घर से वृद्धा आश्रम में आए हैैं। इनके जो भी समस्याएं होती हैैं, उन्हें शार्ट आउट करने का पूरा प्रयास किया जाता है।
वीएन सिंह, समाज कल्याण अधिकारी