गोरखपुर (ब्यूरो)। इसमें से करीब 25 से 30 पेशेंट्स बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इसमें बड़ों की संख्या में अच्छी खासी है। यदि आप का बच्चा भी हैवी डाइट ले रहा है तो जरा संभल जाइए, कहीं ऐसा न हो कि आपको भी हॉस्पिटल का चक्कर लगाना पड़ जाए, हीट वेव को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट भी लगातार लोगों को अलर्ट के साथ अवेयर कर रहा है। ऐसे में डॉक्टर भी सिर्फ पेशेंट्स को ही नहीं, अन्य लोगों को भी गर्मी में हैवी डाइट के बजाए लाइट डाइट का सेवन करने की सलाह दे रहे हैं।
2000 तक पहुंची ओपीडी
बीआरडी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और निजी हॉस्पिटल बाल रोग विभाग में पर्ची काउंटर और पैथोलॉजी में जांच कराने के लिए लाइन के साथ ही ओपीडी में भी भीड़ देखी जा सकती है। इसकी वजह से वार्ड में बेड तक खाली नहीं है। जहां पहले सरकारी अस्पतालों के बाल रोग विभाग में 1000 पेशेंट्स की ओपीडी होती थी। अब यह बढ़कर 2000 तक पहुंच गई हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 15 बेड वाला चिल्ड्रेन वार्ड बच्चों से भरा भर गया है। इसमें आधे से अधिक बच्चे पेट दर्द, उल्टी-दस्त, डायरिया, टाइफायड और पीलिया से ग्रसित है। वर्तमान में वार्ड पूरी तरह से हाउस फुल चल रहा है।
लगातार बढ़ रहे पेशेंट
बीआरडी मे्िरडकल कॉलेज बाल रोग विभाग के एचओडी भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि ओपीडी में आने वाले बच्चों में टाइफायड, डायरिया और पीलिया, पेट दर्द की समस्या देखी जा रही है। सबसे ज्यादा डायरिया के केसेस सामने आ रहे हैं। ऐसे में इन्हें लाइट व लिक्विड डाइट की सलाह दी जा रही है। नारियल पानी, लाइट भोजन, दही, छाछ और अधिक पानी पीने की सलाह दी जा रही है। ताकि इससे डिहाइड्रेन से बचा जा सके।
एक कॉल पर पहुंचेगी एंबुलेंस
एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर अनुराग ने बताया कि जिले में 108 नंबर की 46 और 102 नंबर की 50 एंबुलेंस वर्तमान में संचालित की जा रही हैं। भीषण गर्मी और हीट वेव को देखते हुए इन सभी एंबुलेंस में ओआरएस के इंतजाम किए गए हैं। बच्चों की तबीयत बिगडऩे पर एंबुलेंस को कॉल करें। यह नजदीकी सरकरी अस्पताल पर पहुंचेगी।
ये बरतें सावधानी
-धूप से आने के बाद फ्रिज का पानी पीने से बचें
-ज्यादा तेल मसाला युक्त भोजन से परहेज करें
-मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करें
-शरीर में पानी की मात्रा कम ना होने दें।
-अगर बाहर धूप में निकल रहे हैँ तो चेहरा ढक्कर निकलें
इससे बनाए दूरी
-मैदा युक्त खाना
बांसी खाना या खुले में देर तक रखा कटा हुआ फल
-धूप में खड़े होकर पानी न पीएं
-तेल, रिफाइन में तली हुई चीजों को अवॉइड करें।
बच्चों को हर दस्त के बाद ओआरएस का घोल देना चाहिए। साथ ही ज्यादा प्राब्लम होने पर जिंक टैबलेट देने से दस्त रूक जाता है। इससे शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बना कर रखता है। समय-समय पर पैरेंट््स अपने हाथों को साबुन से धुलते रहे। ज्यादा समस्या होने पर डॉक्टर्स से उचित परामर्श लेना चाहिए।
डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ