गोरखपुर (अनुराग पांडेय)।वहीं, 2022 में मर्डर की घटनाएं घटकर 150 हो गईं। मर्डर का ग्राफ नीचे गिरने की वजह आर्टिकल 151 बताई जा रही है। क्योंकि पुलिस अब थानों पर छोटे-मोटे झगड़े को इग्नोर नहीं बल्कि ऐसा करने वालों को 151 के तहत चालान करती है, जिससे छिटपुट झगड़े वहीं रुक जाते हैं। इसके साथ ही गुंडों पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई कर मनबढ़ों और बदमाशों का पुलिस ने हौसला भी तोड़ा है। हालांकि, हत्या, गैर इरादन हत्या, चोरी और गंभीर मारपीट के आंकड़े देखें तो पूरी रेंज में ये अपराध गोरखपुर में सर्वाधिक हुए हैं।
पांच साल में घटीं चोरी
रेंज के गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया और कुशीनगर जिले में चोरी-वाहन चोरी की घटनाओं में पांच साल में कमी आई है। मंडल में साल 2018 में 1436 चोरी-वाहन चोरी की घटनाएं हुई थीं। वहीं, साल 2022 में इनकी संख्या घटकर 1100 हो गई। गोरखपुर जिले में साल 2018 में 909 चोरी-वाहन चोरी की घटनाएं हुई थीं। जो 2022 में आधी यानी 564 हो गईं।
गंभीर मारपीट के मामले कम
गोरखपुर रेंज में दफा 308 यानी गंभीर मारपीट की घटनाओं में भी कमी आई है। साल 2018 में गंभीर मारपीट के 1091 केसेज सामने आए थे। जबकि 2022 में मारपीट की घटनाएं घटकर 686 हो गई। वहीं गोरखपुर जिले की बात करें तो यहां पर साल 2018 में 420 मारपीट के मामले सामने आए थे। साल 2022 में इनकी संख्या आधी यानी 261 हो गई।
घटे गैर इरादतन हत्या के मामले
गोरखपुर रेंज में गैर इरादतन हत्या (304) के केसेज में भी कमी आई है। मंडल में साल 2018 में 111 गैर इरादतन हत्या के मामले आए थे। वहीं साल 2022 में 304 के केस घटकर 68 हो गए। वहीं गोरखपुर जिले में साल 2018 में 34 मामले गैर इरादतन हत्या के आए थे, जिनकी संख्या साल 2022 में घटकर 24 हो गई।
रेंज में सालाना मर्डर
20़18 239
2019 216
2020 183
2021 169
2022 150
गोरखपुर में सालाना मर्डर
20़18 122
2019 110
2020 106
2021 89
2022 65
रेंज में चोरी-वाहन चोरी
20़18 1436
2019 1347
2020 836
2021 1003
2022 1100
गोरखपुर में चोरी-वाहन चोरी
20़18 909
2019 808
2020 600
2021 609
2022 564
रेंज में सालाना गंभीर मारपीट
20़18 1091
2019 1021
2020 997
2021 798
2022 686
गोरखपुर में सालाना गंभीर मारपीट
20़18 420
2019 361
2020 590
2021 428
2022 261
रेंज में सालाना गैर इरादतन हत्या
2018 111
2022 69
गोरखपुर में सालाना गैर इरादतन हत्या
2018 34
2019 24
2020 27
2021 22
2022 24
संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले मामले जैसे चोरी-वाहन चोरी को रोकने के लिए रेंज के सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। पुलिस ने अच्छा काम किया है। वो पांच साल के आंकड़े में दिख रहा है। अपराध के आंकड़े का ग्राफ न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए पुलिस प्रयास कर रही है।
जे। रविन्द्र गौड़, डीआईजी रेंज