गोरखपुर : बाजार के जानकार भाव में उतार-चढ़ाव का कारण अमेरिकी फेडरल बैंक द्वारा ब्याज दरों में की गई कमी बता रहे हैं। उनका कहना है कि बजट में नौ प्रतिशत कस्टम ड्यूटी कम किए जाने के बाद यह माना जाने लगा था कि सोने-चांदी के भाव में कमी आएगी। कुछ दिनों तक रही भी लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे तेजी आने लगी। यदि ड्यूटी में छूट नहीं मिली होती तो सोना इस समय जहां 85 हजार रुपये प्रति दस ग्राम होता।

गत 23 जुलाई को केंद्र सरकार ने बजट में कस्टम ड्यूटी को घटाकर नौ प्रतिशत करने की घोषणा की थी। इसी के साथ अचानक एक दिन में ही सोने में प्रति दस ग्राम चार हजार रुपये तथा चांदी भी प्रति किग्रा छह हजार रुपये की गिरावट आ गई थी। उस दौरान सर्राफा कारोबारियों ने उम्मीद जताई थी कि आने वाले त्योहारी सीजन में खरीदारी करने वाले ग्राहकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। पर ऐसा नहीं हुआ और देखते ही देखते दो माह के भीतर कीमत में एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है। बाजार के जानकारों की माने तो आने वाले त्योहारी सीजन को देखते हुए फिलहाल भाव में कमी के आसार नहीं हैं।

दो माह में ऐसे बढ़ी कीमत

तिथि सोना चांदी

25 जुलाई 70, 912 83,500

1 अगस्त 72,700 85,500

17 अगस्त 74,760 85,500

25 अगस्त 74,750 87,500

16 सितंबर 76,330 90,640

20 सितंबर 76,430 92,400

21 सितंबर 77, 390 91,000

24 सितंबर 77,600 92,000

25 सितंबर 77,900 95,000

नोट: सोने का भाव 24 कैरेट प्रति दस ग्राम जीएसटी सहित तथा चांदी प्रति किग्रा जीएसटी सहित है।

अमेरिकी फेडरल बैंक में ब्याज दर घटने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने-चांदी के भाव में एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है। अमेरिकी डालर में उतार-चढ़ाव से भी सोने के बाजार में तेजी को समर्थन मिला है। वर्तमान परिस्थितियों से संकेत मिलता है कि निकट भविष्य में सोने की कीमतें बढ़ती रह सकती हैं। ऐसे में निवेशकों को हर गिरावट पर खरीदारी करनी चाहिए।

-पंकज अरोरा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन