गोरखपुर (ब्यूरो)। साथ ही नो पार्किंग में खड़ी गाडिय़ों को उठाने के लिए नगर निगम के वाहन फर्राटा भर रहे हैं। चालान कार्रवाई के बाद भी रंगबाज अपनी रंगबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं। मंगलवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने रियल्टी चेक किया। जिसमे सड़कों पर हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आईं।
फिर टूट गया डिवाइडर
ट्रैफिक पुलिस नगर निगम की मदद से शहर की सड़कों पर प्लास्टिक के डिवाइडर कई बार लगवा चुकी है। अभी हाल ही में शहर के कुछ चौराहे, जहां प्लास्टिक के सारे डिवाइडर टूट गए थे, वहां फिर से लगवाया गया। मंगलवार को जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने शहर का जायजा लिया तो एक बार फिर नए प्लास्टिक के डिवाइडर टूट कर गिरने लगे हैं। कई जगह तो गायब भी हो गए हैं।
यहां टूटे मिले डिवाइडर
हरीओम नगर, अंबेडकर चौक, यातायाता चौराहा, असूरन ओवर ब्रीज से पहले सड़क पर लगे कई प्लास्टिक के डिवाइडर टूटे चुके हैं। इसी तरह कई चौराहों का नजारा मंगलवार को दिखा।
आधी सड़क पर खड़ी थी गाडिय़ां
गोलघर जहां की सड़कों पर नगर निगम की गाडिय़ां बेतरतीब खड़े टू व्हीलर और फोर व्हीलर को टोचन कर पुलिस लाइन के यार्ड पहुंचाती हैं। यार्ड में एक बार गाड़ी पहुंच गई तो एक हजार रुपए पेनाल्टी भरने के बाद ही गाड़ी छूटती है। इतना सब कुछ होने के बाद भी मंगलवार को गोलघर की आधी सड़कों पर लक्जरी वाहनों का कब्जा था। यहां होटल, रेस्टोरेंट और अन्य दुकानों के सामने बीच सड़क पर ही कब्जा जमाए वाहन खड़े थे। जिससे आने जाने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
ट्रैफिक रूल तोडऩे पर चालान
जातिसूचक स्टीकर - 500-2000
नो हेलमेट - 1000
नो सीट बेल्ट - 1000
नो पार्किंग - 500
स्टॉप लाइन तोडऩे पर - 1000
दोष पूर्ण नंबर प्लेट - 5000
वन वे - 500
ओवर स्पीड - 2000-4000
मोबाइल यूज - 1000
नियमों को तोडऩे वालों का चालान किया जाता है। जान बुझकर या जल्दबाजी में डिवाइडर तोडऩे वाले से जुर्माना वसूला जाएगा। पब्लिक को आने जाने में प्रॉब्लम ना हो इसके लिए स्प्रींग यूक्त प्लास्टिक के डिवाइडर लगाए जाते हैं। पब्लिक को भी यह समझना होगा।
संजय कुमार, एसपी ट्रैफिक