गोरखपुर(ब्यूरो): बताते चलें कि गोरखपुर में करीब 500 से अधिक मल्टीस्टोरी इमारतों में लिफ्ट लगाए गए हैं, लेकिन अभी तक करीब 10 ही लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। नियम लागू होने के बाद अब उन्हें हर हाल में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। नियमावली के अनुसार, रजिस्ट्रेशन फीस 5000 रुपये रखा गया है।
गौरतलब है कि मल्टीस्टोरी इमारतों में लिफ्ट और एस्केलेटर पर कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं है। भवन स्वामी बिना सुरक्षा नियमों का पालन किए लिफ्ट और एस्केलेटर लगावा रहे हैं।
नए नियम नियमावली के अनुसार, अब इसके लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए एक लिफ्ट ऑपरेटर की तैनाती भी करनी होगी। इतना ही नहीं लिफ्ट और एस्केलेटर का समय-समय पर मेटेंनेंस भी करवाना होगा, जिसका प्रमाण विद्युत सुरक्षा निदेशालय को देना होगा।
वेबसाइट पर होगा रजिस्ट्रेशन
सिटी में 15 मीटर के मल्टीस्टोरी इमारतों में लगे लिफ्ट और एस्केलेटर का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। यह रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से पेपर लेस होगा। संचालक घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। हालांकि, अभी विद्युत सुरक्षा निदेशालय की ओर से इस वेबसाइट को लॉच किया जाना है। जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी आदित्यनाथ इस वेबसाइट को लॉच करेंगे। वेबसाइट लॉच होने के बाद संचालक रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
-स्वामी का वितरण
-स्वामी के प्राधिकृत अभिकर्ता का विवरण
-यदि वह नई लिफ्ट या एस्लेटर का रजिस्ट्रेशन हो
-उस परिसर का पता जहां लिफ्ट या एस्केलेटर कमीशन किया जाना है
-चाहे वह निजी परिसर हो या सार्वजनिक परिसर
-चोहे वह लिफ्ट या एस्केलेटर को संशोधित या परिवर्तित करने का मामला हो
-यदि लिफ्ट या एस्केलेटर को स्थानांतरित किया जा गया है
-क्या भवन का मानचित्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित किया गया है
-यदि हां, तो अनुमोदित प्राधिकारी का नाम, अनुमोदन संख्या और दिनांक
-लिफ्ट या एस्केलेटर का प्रकार और बनावट
-लिफ्ट या एस्केलेटर के निर्माता का विवरण
-कमीशनिंग प्रारंभ होने की प्रस्तावित दिनांक
-कमीशनिंग के पूरा होने का प्रस्तावित दिनांक आदि डिटेल्स देनी होगी।
-रजिस्ट्रीकरण संख्या
-लिफ्ट या एस्केलेटर के चालू होने का दिनांक
-वह दिनांक जिस दिन लिफ्ट या एस्केलेटर प्रचलन में आया
-यदि यह एक नई लिफ्ट या एस्केलेटर है तो वह दिनांक जब तक विनिर्माता या कमीशनिंग, संसोधित, परिवर्तन, शिफ्टिंग अभिकरण द्वारा फ्री रखरखाव सेवा उपलब्ध होगी
-एएमसी के लिए जिम्मेदार अभिकरण का नाम पता और रजिस्ट्रीकरण संख्या
-क्या एएमसी के लिए जिम्मेदार अभिकरण ओईएम की प्राधिकृत विक्रेता है
-एएमसी के प्रारंभ होने की दिनांक
-वह दिनांक जिस दिन एएमसी समाप्त हो रही है
लिफ्ट में हो चुकी है दुर्घटनाएं
केस 1
-16 जुलाई 2024 लेक व्यू अपार्टमेंट में एक परिवार के लोग लिफ्ट में 20 मिनट तक फंसे रहे। बच्चों के लिफ्ट में फंसे होने की जानकारी होने पर हड़कंप मच गया। बच्चों ने लिफ्ट में लगे टेलीफोन की मदद से इसकी जानकारी गार्ड को दी। गार्ड से चाबी की मदद से लिफ्ट का फाटक खोलकर बच्चों को सुरक्षित बाहर निकला।
केस 2
18 मई 2024 रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर छह की लिफ्ट में छह यात्री करीब 13 मिनट तक फंस गए। दरवाजा बंद होते ही लिफ्ट रूक गई। लिफ्ट में फंसे पैसेंजर्स की सांसें अटक गई। लोग घबराने लगे। बाहर पैसेंजर्स की भीड़ जुट गई। रेल यात्री की मदद से मौके पर पहुंचे रेलकर्मी ने लिफ्ट का दरवाजा खोला तो पैसेंजर्स ने राहत की सांस ली।
केस 3
1 अक्टूबर 2022 गोरखपुर एम्स के ओपीडी में लगी लिफ्ट अचानक बंद हो गई। उसमें तीन महिला समेत 10 मरीज व अटेंडेंट फंस गए। आधे घंटे बाद उन्हें बाहर निकला जा सका। इमरजेंसी हूटर की आवाज सुनकर गार्ड चाबी लेकर आए और लिफ्ट खोला। इसके बाद मरीज व अटेडेंट्स को निकाला गया।
केस 4-
9 अप्रैल 2016 मेडिकल कॉलेज के वार्ड नंबर 14 में भर्ती नूर मोहम्मद डिस्चार्ज हुए। घरवाले उन्हें सीढ़ी से ना लाकर लिफ्ट में लेकर चढ़ गए और बीच रास्ते में ही फंस गए। थोड़ी देर तक वे लोग पीछे नहीं पहुंच तो उनका इंतजार कर रहे लोग परेशान हो गए। लिफ्ट में साथ आ रही एक तीमारदार ने फोन करके लिफ्ट फंसने की सूचना दी। सूचना पर पहुंच कर्मचारी ने फंसे लोगों को लिफ्ट से बाहर निकला।
सिटी के मल्टीस्टोरी इमारतों में लगे लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए नई नियमावली लागू की गई है। अब हर हाल में उन्हें रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके लिए एक वेबसाइट की लांचिंग होनी है। वेबसाइट लॉच होने के बाद संचालक अपना घर बैठे ही रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
मनोज कुमार शर्मा, प्रबंध निदेशक, विद्युत सुरक्षा निदेशालय