गोरखपुर (ब्यूरो)।स्वच्छ, सुंदर कॉलोनी का ख्वाब पाले लोगों को अपने खरीदे प्लाटों पर आशियाना न बना पाने की जानकारी तब मिली जब जीडीए ने कार्रवाई शुरू की। इसके बाद से प्लॉट खरीदने वालों में हड़कंप मचा है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि ऐसी स्थिति में वह क्या करें। कॉलोनाजर्स से बात करने पर उन्हें जल्द सबकुछ ठीक करने का आश्वासन दिया जा रहा है तो जीडीए कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। जीडीए का कहना है कि शहर में कहीं भी अनियोजित कॉलोनी नहीं बसने दी जाएगी। जिन लोगों ने प्लॉट खरीद लिया है उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन कालोनाइजर्स को कॉलोनी को नियमित करानी होगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो किसी को भी घर बनाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
मानचित्र पास कराए बिना वैध नहीं होंगी कॉलोनियां
अवैध कॉलोनियों को लीगल बनाने के लिए कॉलोनाइजर्स को तलपट मानचित्र पास कराना होगा। इसके लिए सभी कॉलोनाइजर्स को जीडीए ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। हालांकि कालोनाइजर्स के अनुसार उनके सामने कई परेशानियां हैं। तलपट मानचित्र पास कराने उन्हें जमीन के बराबर कई तरह की फीस जमा करनी होगी। अब नए सिरे से डेवलपमेंट करने पर लोगों की जमीनें भी कम हो जाएंगी। अधिकतर जमीनों के बिक जाने से अब काफी मुश्किल है।
26 अवैध कॉलोनियां चिन्हित, अब तक 17 पर कार्रवाई
जीडीए की ओर से 26 कॉलोनियां चिन्हित की गई हैं। एक महीने से चल रही कार्रवाई में 17 पर जीडीए का बुलडोजर चल चुका है। इसके साथ ही अन्य अवैध कॉलोनियों को चिन्हित करने की कार्रवाई चल रही है। जीडीए के सख्त तेवर के चलते चिन्हित अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई के चलते कई कॉलोनाइजर्स ने ऑफिस में पहुंचकर कागजात दुरुस्त कराने की प्रकिया भी शुरू कर दी है। हालांकि मानक के अनुरूप प्लाटिंग में कॉलोनाइजर्स को नुकसान के चलते अभी सुस्त गति प्रक्रिया चल रही है। कई कॉलोनाइजर्स भूमिगत भी हो गए हैं। इधर, कुछ कालोनाइजर्स ने बोर्ड उतारकर खुद ही प्लाटिंग को ध्वस्त करा दी है। वह जीडीए ऑफिस पहुंचकर कालोनी न बसाने के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
काश्तकारों से सीधे बेच दी गई जमीन
जीडीए का कहना है कि अवैध कॉलोनियां इस तरह से बसाई गईं हैं कि किसानों से जमीन लेकर सीधे रजिस्ट्री करा दी गई है। जमीन का लैंड यूज भी नहीं बदला गया है। ऐसे में उस जमीन पर घर बनाने का सवाल ही नहीं उठता। कॉलोनाइजर्स को लैंड यूज भी बदलवाना होगा। जो लोग कॉलोनाइजर्स की बातों में आकर प्लॉट ले चुके हैं, उन लोगों को बातकर जल्द तलपट मानचित्र पास कराने के लिए कहना होगा। इसके बाद कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
सबकुछ जल्द ठीक होने का दे रहे आश्वासन
जीडीए की कार्रवाई से प्लाट खो देने के डर से लोग कॉलोनाइजर्स से बात कर रहे हैं तो उन्हें जल्द सब कुछ ठीक होने का आश्वासन दिया जा रहा है। लोगों ने बताया कि ऐसा कुछ चलता है फिर पुराने ढर्रे पर चला जाता है। ऐसे आश्वासन पर लोगों को विश्वास तो नहीं हो रहा लेकिन वह अभी शांत बैठे हैं। कई का कहना है कि पहले इस तरह की कार्रवाई क्यों नहीं की गई। अगर यही कार्रवाई पहले हो गई होती तो जमीन ही नहीं खरीदते। अब खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
10 डिसमिल जमीन तालकंदरा के प्रगति विहार में खरीदी थी। तब ऐसा कुछ नहीं बताया गया कि कॉलोनी अवैध है। किसी अफसर ने भी कोई एक्शन तब नहीं लिया। तीन साल पहले खरीदी गई जमीन के बारे में अब पता चल रहा है कि उस पर कोई डेवलपमेंट नहीं हो सकता। अब क्या किया जाए समझ में नहीं आ रहा है। जमीन खो देने का भी डर सता रहा है। अगर कॉलोनाजर्स ने गलत किया है तो सजा उन्हें दी जाए।
- सुनील त्रिपाठी, महुईसुघरपुर
तालकंदरा में जमीन खरीदने के समय कोई नियम कानून नहीं था। अब नया नियम बनाकर अत्याचार किया जा रहा है। अफसरों को तभी कार्रवाई करनी चाहिए थी। गाढ़ी कमाई से खरीदी गई जमीन को अब अवैध बताया जा रहा है। घर बनवाने के लिए रकम जुटा रहा था लेकिन लगता है कि वह पूरा नहीं हो पाएगा। अब तो जमीन के खरीदार भी नहीं मिल रहे हंै। अगर कॉलोनाइजर्स ने कोई गलती की है तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाए।
देवता मिश्रा, बडग़ो
गोरखपुर में अनियोजित कॉलोनी नहीं बसने दी जाएगी, जिन्होंने अवैध कॉलोनी बसा दी है, उनके यहां कार्रवाई की जा रही है। साथ ही नोटिस देकर नियमित कराने के लिए कहा जा रहा है। कई और कॉलोनियों को भी चिन्हित किया जा रहा है।
महेंद्र सिंह तंवर, जीडीए वीसी