गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल करते हुए जेल में गौशाला खोलने का निर्देश दिया था। इसके पीछे का मकसद था कि सड़कों पर घूमते पशुओं को आशियाना मिल जाएगा और उनके दूध से मिलने वाले रुपये से उनकी सेवा होगी। साथ ही बंदियों को रोजगार भी मिल जाएगा और उनके गोबर से जेल में की जाने वाली खेती में लगने वाले खाद की आवश्यकता भी पूरी हो जाएगी।
देखी गई जमीन
छह वर्ष बाद जेल प्रशासन की कवायद पर सीवीओ समेत अन्य ने जेल पहुंचकर पुराना बैरक के पास गौशाला के लिए जमीन देखी। सीवीओ धमेंद्र पांडेय ने बताया कि 50 पशुओं के रखने के लिए जमीन पर्याप्त है। जेल प्रशासन के बुलाने पर वह टीम के साथ मौके पर गए थे। जेल परिसर के अंदर ही पशुओं के लिए हरे चारे की भी व्यवस्था हो जाएगी। आगे का काम जेल प्रशासन को करना है। उनके बुलाने पर विभाग की टीम समय-समय पर जाएगी।