गोरखपुर: वह रविवार को मेवालाल गुप्त गुरुकुल विद्यालय में नवनिर्मित सभागार, पांच कक्षों और प्रशासनिक भवन के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने गुरुकुल के पुनरुद्धार के लिए गोरखपुर गुरुकुल सोसाइटी के पदाधिकारियों को बधाई दी और कहा कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने एक करोड़ पांच लाख रुपये के सीएसआर फंड से यह निर्माण कार्य समय पर पूरा किया गया है। गुरुकुल विद्यालय को शिक्षा के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट और उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करने करने पर जोर देते हुए सीएम ने कहा कि कोई भी वंचित बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए। हर बच्चा भविष्य के लिए आत्मनिर्भर बने। शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे इन प्रयासों से भारत को विकसित भारत बनाने में मदद मिलेगी।


मुख्यमंत्री ने बताया कि गोरखपुर गुरुकुल विद्यालय की स्थापना 1935 में हुई थी। इस गुरुकुल में आध्यात्मिक और राजनीतिक गतिविधियों के कारण ब्रिटिश सरकार ने इसे पांच साल तक बंद कर दिया था। इसके बाद यह विद्यालय फिर से सक्रिय हुआ। आज यह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के रूप में संचालित हो रहा है। समय के साथ संसाधनों की कमी के कारण विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या घटने लगी, लेकिन अब नए निर्माण और संसाधनों से इसे फिर से प्रतिष्ठित किया जा रहा है।


उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार हर बच्चे को उत्तम शिक्षा और हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नीति छात्रों के सर्वांगीण विकास पर केंद्रित है। इसे आधुनिक जरूरतों के अनुरूप तैयार किया गया है। वहीं स्वास्थ्य के ²ष्टि से आयुष्मान कार्ड योजना के तहत 10 करोड़ लोगों को निश्शुल्क स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा रही है। इससे पूर्व सीएम योगी ने गुरुकुल विद्यालय के विभिन्न कक्षाओं में जाकर पठन-पाठन की गतिविधियों का अवलोकन किया और बच्चों से मुलाकात की और गुरुकुल प्रांगण में पौधारोपण किया। कार्यक्रम की शुरुआत में छात्राओं ने आकर्षक प्रस्तुति के साथ गणेश वंदना की।


इस दौरान सांसद रवि किशन शुक्ल, महापौर मंगलेश श्रीवास्तव, गोवि की कुलपति प्रो.पूनम टंडन, गोरखपुर गुरुकुल सोसाइटी के अध्यक्ष प्रमोद कुमार, कालीबाड़ी के महंत रङ्क्षवद्र दास, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, भाजपा के महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, सीताराम जायसवाल, पार्षद पवन त्रिपाठी, शिवशंकर गुप्त, परमेश्वर प्रसाद गुप्त, इंद्रदेव विद्यार्थी, जगदीश गुप्त, मंडलायुक्त अनिल ढींगरा समेत प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षकगण आदि मौजूद रहे।