गोरखपुर (अमरेंद्र पांडेय)।डायरेक्ट किसानों या काश्तकारों से जमीन खरीदकर वह मनमाने रेट पर उनका सौदा कर रहे हैं। विकास होने की वजह से लोगों में भी इन प्रॉपर्टीज को खरीदने की होड़ लगी हुई है। इसकी वजह से अब तक विकास किए गए इलाकों में जमीन के रेट दो से तीन गुने तक बढ़ गए हैं।
मेडिकल रोड पर सबसे ज्यादा डिमांड
गोरखपुर में जमीनों का सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया। ज्यादा मुआवजा न देना पड़े, इसलिए ज्यादा रकम खर्च करने को लेकर वह अपना नुकसान देख रहे हैं। वहीं विभागीय जानकारों की मानें तो रेट न बढऩे की वजह से निबंधन विभाग को पिछले सात साल से 50 प्रतिशत से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ रहा है। गोरखपुर के चहुमुखी विकास के दौर में दर्जन भर एरिया में सर्किल रेट से दोगुने दाम पर प्रॉपर्टी की बिक्री हो रही है। सबसे ज्यादा डिमांड मेडिकल कॉलेज रोड, तारामंडल, सिक्टौर, मोहद्दीपुर व खोराबार एरिया में है, चूंकि तेजी के साथ शहर का दायरा बढ़ रहा है। विस्तार होने से हर कोई प्रॉपर्टी में निवेश के साथ-साथ घर बनाने के लिए ख्वाब देख रहे हैं।
बिछ रहा है फ्लाईओवर का जाल
सिटी में तेजी के साथ विकास हो रहा है। फ्लाई ओवर का जाल बिछाया जा रहा है, जिससे रोड पर चलना स्मूद हो और जाम के झाम से भी लोगों को आजादी मिल सके। ट्रांसपोर्टनगर से पैडलेगंज तक जहां सिक्स लेन बनने से इस एरिया के जमीन का मार्केट रेट हाई हो गया है। तो वहीं खंजाची चौराहे पर बनने वाले फ्लाई ओवर से इस एरिया की खूबसूरती बढ़ जाएगी। यही वजह है कि मेडिकल कॉलेज रोड का जमीनों के रेट आसमान छूने लगे हैं। इस रोड पर 20-25 हजार रुपए प्रति वर्ग फीट जमीन की कीमत चल रही है। जबकि 30 हजार वर्गमीटर सर्किल रेट है।
तारामंडल 5-6 हजार वर्ग फीट
तारामंडल एरिया में 5-6 हजार रुपए वर्ग फीट जमीन का रेट चल रहा है। जबकि 14,000 वर्ग मीटर सर्किल रेट है। गोरखपुर जिले में संपत्ति का बैनामा कराने के लिए इस साल भी छह साल पहले वाला खर्च ही लग रहा है। जिला प्रशासन ने लगातार सातवें साल जमीन का सर्किल रेट नहीं बढ़ाया है। लेकिन स्टांप शुल्क के रूप में दी जाने वाली धनराशि में भी कोई परिवर्तन नहीं हुआ। जिले में चल रही व प्रस्तावित विभिन्न विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए जिला प्रशासन ने सर्किल रेट न बढ़ाने का फैसला किया है। सर्किल रेट न बढऩे से निबंधन विभाग के समक्ष राजस्व का लक्ष्य प्राप्त करने का संकट खड़ा हो जाएगा।
रजिस्ट्री डिपार्टमेंट का टारगेट
एआईजी स्टांप बाल्मीकि त्रिपाठी ने बताया कि निबंधन कार्यालय को वर्तमान वित्तीय वर्ष में पिछले साल की तुलना में 77 करोड़ रुपए अधिक राजस्व प्राप्त करने का टारगेट दिया गया है। विभाग को उम्मीद थी कि सर्किल रेट में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि होने से वे लक्ष्य आसानी से प्राप्त कर लेंगे, लेकिन इस बार भी उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। पिछले साल बैनामे से गोरखपुर ने 666 करोड़ रुपए के सापेक्ष 465.76 करोड़, महराजगंज में 139.50 करोड़ के सापेक्ष 116.99 करोड़, देवरिया में 250.21 करोड़ के सापेक्ष 212.13 करोड़ रुपए की आय अर्जित की थी। इसी तरह कुशीनगर में 180.98 करोड़ रुपए के सापेक्ष 168.20 करोड़ रुपए की आय हुई थी। वर्तमान वित्तीय वर्ष (2022-23) में गोरखपुर को गोरखपुर को 743.14 करोड़, देवरिया को 272.73, महराजगंज को 154.01, कुशीनगर को 196.27 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया है।
जमीन अधिग्रहण में राजस्व की बचत
प्रॉपर्टी एक्सपर्ट व एडवोकेट नीतिन सोलंकी ने बताया कि 2016 के बाद से सर्किल रेट नहीं बढ़ा है। जबकि मार्केट दो गुना से भी ज्यादा दाम हो गया। विकास की परियोजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर जमीन की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्र में किसानों से जमीन खरीदने के लिए सर्किल रेट का लगभग चार गुना देना होता है। ऐसे में सर्किल रेट बढ़ाने पर प्रशासन को जमीन खरीदने के लिए अधिक धनराशि चुकानी पड़ती है। सर्किल रेट न बढऩे से राजस्व की बचत होगी, लेकिन निबंधन कार्यालय में होने वाली रजिस्ट्री में लगने वाले स्टांप शुल्क से राजस्व का घाटा होता है। यही वजह है कि लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते हैैं।
फैक्ट फीगर
एरिया - मॉर्केट रेट - सर्किल रेट
मेडिकल कालेज रोड - 20-25,000 - 30,000
पिपराइच रोड - 10-12,000 - 20,000
जंगल धूसड़ - 2500-3500 - 11,000
खोराबार - 5-6,000 - 15,000
सिक्टौर - 1500-2,000 - 8,000
तारामंडल - 5-6000 - 14,000
मोहद्दीपुर - 15,000 - 30,000
नोट - मार्केट रेट वर्ग फीट में हैै और सर्किल रेट वर्ग मीटर में है।
जमीनों का मार्केट रेट सर्किल रेट से दो गुना ज्यादा हैैं। जिले में विकास की कई परियोजनाएं संचालित हैं, कई पाइप लाइन में भी हैं। ऐेसे में इन सभी नई परियोजनाओं के लिए जमीन की जरूरत है। सर्किल रेट बढऩे से मुआवजा की भी राशि बढ़ जाएगी। विकास कार्यो को स्पीड देने के लिए सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया है।
- कृष्णा करुणेश, डीएम