गोरखपुर: डॉक्टर्स का मानना है कि इस बार साफ-सफाई को लेकर लोगों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है। इसकी वजह बारिश का ज्यादा होना है। कई लोग घरों में रंग-रोगन करवा रहे हैं तो कई साफ-सफाई में जुटे हैं। धूल के संपर्क में आने से लोगों में गले की खराश, सांस फूलने, आंख में संक्रमण, लगातार छींक आना, खुजली, आंख-नाक से पानी बहने की प्रॉब्लम होती है।

पर डे 300 मरीज


बीआरडी मेडिकल कॉलेज के टीबी और चेस्ट रोग विभाग के एचओडी डॉ। अश्वनी मिश्रा का कहना है कि धूल के कम और एलर्जिक तत्व श्वसन तंत्र और आंखों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं। ओपीडी में पेशेंट्स की संख्या 200 से 300 तक पहुंच गई है। मौसमी बीमारियों के लक्षणों के कारण ठीक होने में भी अधिक समय लग रहा है। दिवाली के बाद प्रदूषण के कारण पेशेंट्स की संख्या में और बढ़ोत्तरी की आशंका है।

आंखों में दिक्कत


बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आई विभाग के एचओडी डॉ। रामयश यादव ने बताया की आंख की एलर्जी, दर्द, सूखापन, संक्रमण, आंख लाल होने समेत कई शिकायतें लेकर पेशेंट अस्पताल आ रहे हैं। आंखों को मसलने से बचें और पानी से धोएं। किसी भी दवा का प्रयोग बिना परामर्श के न करें। कई बार मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर डाल लेते हैं, जिससे नुकसान झेलना पड़ता है।

ये बरतें सावधानी


- अस्थमा, एलर्जी और सांस की बीमारियों से ग्रस्त पेशेंट बिना मास्क के बाहर न निकलें
- घर में साफ-सफाई के लिए गीले कपड़ों का यूज करें
- धूल से बचाव के लिए चश्मा पहनें
- सफाई के दौरान पेशेंट को अलग कमरे में रखें
- मास्क या गमछे से मुंह ढंक कर सफाई करें
- तेज परफ्यूम, अगरबत्ती और धुएं से रहें दूर
- स्वस्थ खानपान अपनाएं और आवश्यक सावधानियां बरतें