गोरखपुर (ब्यूरो)।बिलिंग एजेंसी ने जिले के 35 हजार कनेक्शनों पर नवंबर का बिल ही नहीं बनाया। एमडी की समीक्षा बैठक में एजेंसी ने तालाबंदी की रिपोर्ट दी तो चीफ इंजीनियर व अधीक्षण अभियंताओं ने इस पर आपत्ति जताई। अफसरों का एक ही सवाल है कि एक साथ इतने घरों में ताला कैसे बंद हो सकता है? इसके बाद शुरू हुए डोर-टू-डोर दस्तक अभियान में करीब पांच हजार कनेक्शनों की जांच की गई है। इनमें से ज्यादातर घरों के लोगों ने बताया कि दो माह से कोई मीटर रीडर आया ही नहीं।
अफसरों ने की थी टेबल रीडिंग की कंप्लेन
पॉवर कॉरपोरेशन ने बिलिंग एजेंसी क्वैश कॉर्प को गोरखपुर जोन के 21.50 लाख कनेक्शनों को हर महीने समय से बिजली बिल मुहैया कराने की जिम्मेदारी दे रखी है। एजेंसी के मीटर रीडर्स की ओर से टेबल रीडिंग करने व मनमानी रीडिंग पर बिल बनाने की अफसरों ने पूर्वांचल एमडी से कंप्लेन की थी।
एजेंसी की रिपोर्ट पर उठे सवाल
कंप्लेन के बाद बिलिंग एजेंसी के कार्यों की समीक्षा के लिए 9 दिसंबर को पूर्वाँचल एमडी ने वाराणसी में समीक्षा बैठक बुलाई। इसमें बिलिंग एजेंसी ने गोरखपुर जोन में शत-प्रतिशत बिलिंग नहीं हो पाने के कारणों पर चर्चा के दौरान रिपोर्ट दी कि शहर में 15 हजार व ग्रामीण में 20 हजार घरों में ताला बंद होने से नवंबर में इनके बिल नहीं बने। जोन के विभिन्न वितरण खंडों में नान ट्रेसेबल श्रेणी में 30 हजार कनेक्शन हैं।
पूर्वांचल एमडी की समीक्षा बैठक में बिलिंग एजेंसी ने जो गलत डाटा प्रस्तुत किया। उस पर हमने साक्ष्य के साथ आपत्ति दर्ज कराई। तालाबंदी वाले घरों की जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट से एमडी को अवगत कराया जाएगा।
ई। आशू कालिया, चीफ इंजीनियर
सिटी में 15 हजार लोग नवंबर में घर में तालाबंद कर कहां चले गए? यह बात समझ में नहीं आ रही है। बिलिंग एजेंसी के मीटर रीडर्स की इस रिपोर्ट की डोर-टू-डोर जांच अभियान में पोल खुल रही है।
ई। यूसी वर्मा, एसई शहर