गोरखपुर (ब्यूरो)। इससे मेडिकल फर्जीवाड़े का खेल खत्म हो जाएगा। डॉक्टर सर्टिफिकेट ऑनलाइन ही जारी करेंगे। इसके लिए डॉक्टर को सारथी पोर्टल पर लॉगइन आईडी मिल गई है।
जांच के नाम पर वसूली
मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए पहले सीएमओ कार्यालय में आवेदन करना पड़ता है। इसके बाद डॉक्टर की जांच के बाद सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। आरटीओ का नियम है कि 40 से 50 वर्ष की आयु वाले आवेदक को मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करना होता है। इसका फायदा दलाल उठ रहे थे। सर्टिफिकेट के नाम पर रुपए तक आवेदक से वसूले जा रहे थे। इसी के मद्देनजर लाइसेंस प्रक्रिया में सर्टिफिकेट को ऑनलाइन करने की तैयारी चल रही थी। ऑनलाइन व्यवस्था जारी होने के बाद आवेदकों को सीएमओ दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने होंगे। अब उन्हें घर बैठे ही ऑनलाइन मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा।
लाइसेंस के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी
कॉमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने और लाइसेंस के रीन्यूअल के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। विशेष परिस्थितियों मेें शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के ड्राइविंग लाइसेंस बनने में भी मेडिकल सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है। ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदक मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए अस्पतालों के चक्कर लगाते रहते हैं। उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है।
प्रतिदिन 50-60 आवेदन
डीटीआई चरगांवा में प्रतिदिन 50 से 60 आवेदन ड्राइविंग लाइसेंस रीन्यूअल के आते हैं। अधिकतर में मेडिकल सर्टिफिकेट लगाना होता है। अभी आवेदक सीधे सर्टिफिकेट जमा कर देते हैँ। आरटीओ के पास सर्टिफिकेट की पहचान करने का काई आधार नहीं है। वह फर्जी है या असली अधिकारी नहीं जानते हैं। ऑनलाइन होने के बाद फर्जी सर्टिफिकेट पर भी रोक लगेगी।
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए डॉक्टर की तैनाती कर दी गई है। लॉगइन आईडी भी जनरेट हो गया है। साथ ही आवेदक भी जल्द मेडिकल सर्टिफिकेट प्राप्त कर लेगा।
- अरुण कुमार, एआरटीओ प्रशासन