इसका एक उदाहरण आरटीओ डीटीआई में ड्राइविंग लाइसेंस पहुंचने वाली महिलाओं की संख्या हैैं, यहां हर रोज 15 से 20 डीएल महिलाओं का बन रहा है। गोरखपुर में कुल बने 6 लाख 68 हजार से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस में महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 28 हजार 503 डीएल की है, लेकिन हाल के दिनों में इनकी भागीदारी बढ़ रही है।
ई-रिक्शा के साथ ही ऑटो के लिए भी महिलाएं डीएल बनवा रही हैं। तमाम कामकाजी महिलाओं ने फोर व्हीलर वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया है। सर्वाधित टू व्हीलर वाहनों के लिए महिलाओं ने आवेदन किया है। वर्ष 2021 और 2022 में चार हजार से अधिक महिलाओं ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया था। वहीं, 2023-24 इसकी संख्या 2893 थी।
विभाग कर रहा प्रेरित
आरटीओ में डेली 250 लर्निंग लाइसेंस बन रहे हैं। इनमें से 15 से 20 ड्राइविंग लाइसेंस महिलाओं के हैं। अच्छी बात यह है कि महिलाओं को विभाग की ओर से प्रेरित किया जा रहा है। एआरटीओ प्रशासन अरुण कुमार ने बताया कि डीटीआई चरगांवा में 60 से 70 ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जा रहे हैं।
ले रही बकायदा ट्रेनिंग
सिटी की आराध्या सिंह ने बताया कि डीएल के लिए खुद ही ऑनलाइन आवेदन किया। ऑनलाइन टेस्ट के लिए तैयारी की और आसानी से टेस्ट पास कर लिया। राप्तीनगर की सावित्री देवी ने पिछले दिनों फोर व्हीलर का लाइसेंस बनवाया है। उन्होंने बकायदा ट्रेनिंग ली और टेस्ट पास किया। उन्होंने बताया कि महिलाओं का ड्राइविंग टेस्ट को लेकर रूझान काफी बढ़ा है। डेली 15 से 20 महिलाएं डीएल के लिए परीक्षा दे रही है। महिलाओं के डीएल में कई गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, गोरखपुर में किसी महिला का हैवी वाहन का डीएल नहीं बना है।
वर्ष मेल फिमेल
21-22 27496 4766
22-23 25338 2017
23-24 41911 2893
24-25 जुलाई 16091 1044
जिले में मेल के डीएल बने-6,68,760
जिले में फिमेल के डीएल बने-28,503