गोरखपुर(ब्यूरो): आरोपित का पता तस्दीक होने के बाद इसकी जानकारी एनआइए के साथ ही देवरिया जिले की पुलिस को दी जाएगी। एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की लखनऊ शाखा की एसपी ने एसएसपी गोरखपुर को पत्र लिखकर बताया था कि लाओस में कंप्यूटर आपरेटर की नौकरी करने गए कुंदन ङ्क्षसह, गुड्डू सोनी और राज बिश्वास चीनी एजेंट के चंगुल में फंस गए थे। इनको बंधक बनाकर साइबर अपराध कराया जा रहा था। वहां से किसी तरह बचकर यह लोग देश लौटे तो पता चला कि गोरखपुर के रहने वाले बिजेंद्र ङ्क्षसह ने इन लोगों को लाओस भेजा था, जिसकी जान पहचान चीनी एजेंटों से है। छानबीन में बिजेंद्र का पासपोर्ट व मोबाइल फोन नंबर मिला था। एनआइए ने इसकी जानकारी गोरखपुर पुलिस को दी। जांच में पता चला कि बिजेंद्र ङ्क्षसह देवरिया जिले के एकौना क्षेत्र का रहने वाला है। जिन युवकों को उसने लाओस भेजा था उनको उसने बताया था कि गोरखपुर जिले का रहने वाला है। पासपोर्ट व मोबाइल फोन नंबर से पता तस्दीक होने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए देवरिया पुलिस को मामले की जानकारी दी जाएगी।

मानव तस्करी का मामला


सुरक्षा व खुफिया एजेंसी को संदेह है कि गोल्डन ट्रायंगल में नौकरी का झांसा देकर युवाओं को भेजने वाले किसी मानव तस्करी गिरोह से जुड़े हैं। बिजेंद्र ने अभी तक कितने लोगों को वहां भेजा है उससे पूछताछ के बाद ही स्थिति साफ होगी।