गोरखपुर: सिटी में सड़क चौड़ीकरण के साथ बडृी-बड़ी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, अपार्टमेंट और नालों का निर्माण चल रहा है। इस कार्य के लिए बुलडोजर का यूज सबसे ज्यादा किया जा रहा है। यही नहीं कब्जा हटाने में भी यह सबसे अधिक कारगर साबित हो रहा है। आरटीओ के आंकड़े के अनुसार वर्ष 2020 में जहां 95 बुलडोजर का रजिस्ट्रेशन हुआ। वहीं, वर्ष 2024 में इसकी संख्या में तेजी के साथ बढ़ोत्तरी होते हुए अब तक ये 168 तक पहुंच गई है।
गोरखपुर में चला बुलडोजर
गोरखपुर में माफियाओं के अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाया गया। पुलिस ने गोरखपुर के टॉप-10 माफिया की लिस्ट में शामिल लगभग एक दर्जन से अधिक अवैध निमार्ण पर बुलडोजर की कार्रवाई की। पुलिस प्रशासन के साथ ही जीडीए और नगर निगम की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गई।
बुलडोजर का यूज
बुलडोजर का यूज बड़े या छोटे पैमाने पर निर्माण, सड़क निर्माण, खनन, ध्वस्तीकरण, कब्जा हटाने, पत्थरों को ढकेलने, गिट्टी उठाने, खुदाई, खेतों, भारी उद्योग कारखानों और शांति और युद्ध दोनों में सैन्य कार्य में बड़े पैमाने पर किया जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार देश में बुलडोजर का निर्माण जेसीबी, टाटा सहित कई कंपनियां कर रही हैं।
आरटीओ से मिले आंकड़े
वर्ष रजिस्टर्ड बुलडोजर
2020 95
2021 141
2022 124
2023 164
2024 168
गोरखपुर में विकास कार्य होने के चलते डिमांड बढ़ी है। इसकी कीमत 35 से 60 लाख रुपए है। इसे मंगाने में एक सप्ताह लगता है। हमारी कोशिश रहती है कि कस्टमर्स को जल्द से जल्द प्रोवाइड करा दें। हालांकि पहले के मुकाबले इसका क्रेज बढ़ा है।
राजीव चोपड़ा, बुलडोजर सप्लायर