अचानक चपेट में आया

कुशीनगर जिले के हाटा निवासी ऑटो चालक का 16 वर्षीय बेटा आदर्श उपाध्याय बुधवार की रात करीब आठ बजे छत पर मोबाइल से बात कर रहा था। अचानक हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया। चिल्लाने की आवाज सुनकर परिवार के लोग पहुंचे और तत्काल उसे एम्स में भर्ती करवाया। जहां डॉक्टर्स ने हालत गंभीर देख मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। वार्ड नंबर दो में उसका इलाज चल रहा है।

नहीं हटवाया तार
कॉलोनाइजर्स ने शहर में कई ऐसे स्थानों पर जमीनें बेच दीं। जहां से हाईटेंशन तार गुजर रहे थे। प्लाटिंग से पहले तार हटवाने का कोई इंतजाम नहीं किया गया। थोड़े फायदे के लिए तार के बिल्कुल नजदीक तक प्लाटिंग की गई है। ऐसी जगहों पर लोगों को खतरे की चिंता सताने लगी है। जनप्रतिनिधियोंके यहां गुहार लगाने के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है। जिन स्थानों पर हाईटेंशन तार गुजरते हैं। जीडीए वहां का नक्शा पास नहीं करता है।

बरतें सावधानी
जिन मोहल्लों मेंं हाईटेंशन तार गुजर रहे हैं। वहां घर बनवाते समय किसी भी दशा में छज्जा बाहर न निकालें। इससे खतरा और बढ़ जाता है। कोई भी निर्माण कार्य करना है तो बिजली विभाग को तत्काल जानकारी दें। यदि मकान के छत से हाईटेंशन तार जा रहा है तो सावधानी बरते और छत के ऊपर कपड़ा ना डालें। क्योंकि हाईटेंशन की चपेट में आने से जान भी जा सकती है। सावधानी ही बचाव है।

देते हैं नोटिस
लोग सस्ती जमीन खरीदकर हाईटेंशन तार के नीचे मकान बनवा रहे हैं। ऐसे लोगों को धारा 161 के तहत नोटिस जारी किया जाता है। बिजली विभाग का कहना है कि पुरानी लाइन है। यदि विभाग समय से एक्टिव होता तो यह नौबत नहीं आती। पुरानी गलियों में सुधार किया जा रहा है। हाईटेंशन लाइन के नीचे अवैध निर्माण नियम विरुद्ध है। प्रापर्टी डीलर ने सस्ते रेट पर जमीन बेच दी। बिना सोचे समझे लोगों ने जमीन खरीद कर मकान बनवा लिया। जो गलत है।