गोरखपुर (ब्यूरो)। यूनिवर्सिटी कुलसचिव प्रो। शांतनु रस्तोगी की तरफ से जारी आदेश में विश्वविद्यालय परिनियमावली (यथा संसोधित) के परिनियम संख्या 16.04 एवं उसके उपबंध (ई) के प्रावधान के अंतर्गत वीसी के आदेश के अनुपालन में रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग के सहायक आचार्य डॉ। जितेंद्र कुमार के उपर छात्रा द्वारा लगाए गए यौन उत्पीडऩ के आरोप की जांच के लिए अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। डॉ। जितेंद्र कुमार को यह निर्देशित किया जाता है कि इस दौरान उनका विश्वविद्यालय शैक्षणिक परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। निलंबन अवधि में डॉ। जितेंद्र कुमार को नियमानुसार जीवन निर्वहन भत्ता देय होगा। निलंबन की अवधि के दौरान डॉ। जितेंद्र कुमार कुलसचिव कार्यालय से संबध रहेंगे।
सोशल मीडिया पर निंदा
तुम मुझे खुश कर दो, मैैं तुम्हें डिपार्टमेंट टॉप करवा दूंगा वाले असिस्टेंट प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया गया है। छात्र संगठनों के विरोध प्रदर्शन और सोशल मीडिया पर असिस्टेंट प्रोफेसर के इस करतूत को लेकर निंदा की जा रही थी। छात्रा के साथ अश्लील बातों को लेकर भी तमाम बातें हो रही थीं। वीसी के आदेश पर 8 फरवरी के अनुपालन में आंतरिक शिकायत समिति (इंटर्नल कंप्लेंट कमेटी) का पुनर्गठन किया गया है। यह आंतरिक शिकायत समिति के सदस्यों की सदस्यता की अवधि तीन वर्ष की होगी।
आईसीसी के ये हैैं मेंबर्स
- प्रो। प्रज्ञा चतुर्वेदी, प्राचीन इतिहास विभाग
- डॉ। रश्मि रानी, मनोविज्ञान विभाग
- डॉ। सुमनलता चौधरी, विधि विभाग
- प्रो। अवनीश राय, अंग्रेजी विभाग
- मीनावती कन्नौजिया, लेखा विभाग
- पुनीत भारती, भौतिकी विज्ञान विभाग
- राजेश मणि, मानव सेवा संस्थान, विकास नगर, बरगदवा
रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग के सहायक आचार्य डॉ। जितेंद्र कुमार के उपर छात्रा द्वारा लगाए गए यौन उत्पीडऩ के आरोप पर उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। आईसीसी मामले की जांच कर रही है।
प्रो। पूनम टंडन, वीसी। डीडीयूजीयू