गोरखपुर (ब्यूरो)।
- मार्डन लुक के साथ संस्कृति को संजो रही राजनंदनी
- गोरखपुर में सबसे मिला सबसे अच्छा रिस्पांस
- दो साल पहले उन्होने पेंटिग स्टार्ट की, राजनंदनी कुड़ाघाट में रहती हैं। उनको भोजपुरी से बचपन से लगाव रहा है। अब वह भोजपुरी पेंटिग के साथ भोजपुरी भाषा और संस्कृति से लोगों को जोड़ रही हैं। उनकी हर कलाकृति में भोजपुरी संस्कृति की झलक दिखती है।
गोरखपुर में भोजपुरी पेंटिग और वर्कशॉप का सबसे अच्छा रिस्पांस
राजनंदनी अपने आर्ट से हैंड पर्स, गुल्लक, कुर्ता, चुनरी, सिंघोरा, बनाना स्टार्ट किया और जब उन्होने गोरखपुर में अपने आर्ट को रिप्रजेंट किया तो उनके समान की सबसे ज्यादा डिमांड रही। राजनंदनी ने बताया कि उन्हे सबसे अच्छा रिस्पांस गोरखपुर के लोगों से मिला। गोरखपुराइट्स अभी भी अपने संस्कृति को बहुत वैल्यू देते हैं।
भोजपुरी बस भाषा नही एक कला है
राजनंदनी बताती हैं कि मधुबनी पेंटिग की विश्व भर में पहचान है, भोजपुरी का बस भाषा के रूप में जाना जाता है जबकि इसकी कला के रुप में पहचान रही है। भोजपुरी पेंटिग को समानों पर उकेरने का मेरा मकसद यही था कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक भोजपुरी पेंटिग पहुंच सके।
दिल्ली, पटना, बेंगलुरू से भी आ रहे आर्डर
राजनंदनी भोजपुरी पेंटिग से बनी चीजों सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचा रही हैं। उन्हे दिल्ली, पटना, बेंगलुरू से भी आर्डर आ रहे हैं.