गोरखपुर। दो दिवसीय आयोजित इस संगोष्ठी में देश-विदेश के नाथपंथ के ख्यातिलब्ध विद्वान भाग लेंगे। संगोष्ठी के अंतिम दिन समापन सत्र में मुख्य अतिथि साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री प्रो। विश्वनाथ प्रसाद तिवारी होंगे। सत्र की अध्यक्षता कुलपति करेंगी।
समापन एवं उद्घाटन सत्र के अलावा छह तकनीकी सत्रों में नाथ पंथ के विभिन्न पहलुओं पर ख्यातिलब्ध विद्वानों द्वारा चर्चा की जाएगी। दो दिन के इस संगोष्ठी में छह तकनीकी सत्रों में विभिन्न उपविषयों जैसे नाथपन्थ का वैश्विक प्रदेय, नाथपंथीय साहित्य में सामाजिक समरसता, स्वतंत्रता आंदोलन में नाथ पंथ का अवदान, नाथ सिद्ध परंपरा एवं साधना प्रक्रिया व नाथपंथीय विश्वकोश पर गहन मंथन एवं चर्चा की जाएगी।
दिव्यांगजन कैंटीन का होगा उद्घाटन
इस अवसर पर विश्वविद्यालय में एक दिव्यांगजन कैंटीन का उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा। कुलपति ने बताया कि दिव्यांगजन कैंटीन का संचालन दिव्यांगजन ही करेंगे। इसके पीछे विश्वविद्यालय का मकसद उनके लिए रोजगार का अवसर उपलब्ध कराना है।
कुलपति ने की तैयारी की समीक्षा
उच्च शिक्षा सचिव एमपी अग्रवाल तथा कुलपति प्रो। पूनम टंडन ने दीक्षा भवन जाकर तैयारी की जानकारी ली। इसके साथ ही दिव्यांगजन कैंटीन का भी निरीक्षण किया। उच्च शिक्षा सचिव ने तैयारी का जायजा लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया।
देश-विदेश के विद्वानों से गुलजार रहेगा डीडीयू
नाथ पंथ पर दो दिनों तक चलने वाली अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के तकनीकी सत्रों में देश व दुनियां के कई शीर्षस्थ विद्वानों को सुनने का अवसर मिलेगा। इसमें उड़ीसा के संत शिवनाथ, उड़ीसा, जेएनयू के प्रो। संतोष शुक्ल, जेएनयू, गुजरात के संत शेरनाथ, शिमला से डॉ हंसराज, उप्र हिंदी संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष प्रो। सदानन्द गुप्त, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग की अध्यक्ष प्रो। कीर्ति पांडेय का व्याख्यान होगा।
इसके साथ ही विदेश से शामिल प्रतिष्ठित विद्वान शशिपाधा, वर्जिनिया, अमेरिका, राजराही, न्यूयॉर्क, सुषमा मल्होत्रा, न्यूयॉर्क, अमेरिका, मीना चोपड़ा, टोरंटो, कनाडा, अमेरिका, प्रहलाद देबनाथ, बांग्लादेश, डॉ। सुरेश पुष्पाकर, यूके, एम तुफैल अहमद, ओमान, मस्कट आदि अपना व्याख्यान देंगे।