गोरखपुर (ब्यूरो)।साथ ही महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट व नालियों की सफाई के साथ ही नए सेफ्टी टैंक्स भी बनाने होंगे। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में रैंकिंग सुधरने के बाद निगम अब प्रदेश में नंबर वन बनने के लिए जुट गया है। हालांकि आधी अधूरी तैयारियों से रैंकिंग सुधरना मुश्किल होता दिख रहा है। नगर निगम प्रशासन का कहना है कि सभी जरूरी तैयारियां कर ली गई हैं। प्रत्येक वार्डों में कूड़ा कलेक्शन से लेकर निस्तारण तक की व्यवस्था कर ली गई है। सुथनी में बायो वेस्ट प्लांट का निर्माण शुरू है। हालांकि, जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर और निगम कंट्रोल रूम में पहुंच रहीं कंप्लेन कुछ और ही कहानी बयां कर रही हैं।
वेस्ट मैनेजमेंट पर ज्यादा फोकस
नगर निगम का इस बार सबसे ज्यादा फोकस वेस्ट मैनेजमेंट पर है। इसके लिए सिटी में कूड़ा उठाने के लिए अलग-अलग डस्टबिन लगाए गए हैं, जिसमें सूखा और गीला कचरा अलग किया जाता है। सूखे कचरे को रिसाइकिल करके बेचा जाता है और गीले कचरे को कम्पोस्ट करके खाद बनाई जाती है। हालांकि यह व्यवस्था अभी केवल बेतियाहाता वार्ड हैं। यहां गीले कचरे से खाद बनाने की कवायद की गई है। वार्ड में गीले कचरे से कम्पोस्ट बनाने के लिए पार्क में विशेष प्रकार के ड्रम रखे गए हैं।
इन बिंदुओं पर करेगी जांच टीम
सिटीजन फीड बैक लेगी, उनसे सफाई और कूड़ा कलेक्शन के बारे में जानेगी।
टायलेट्स की साफ सफाई का करेगी निरीक्षण।
वार्डों में सफाई व्यवस्था, नाले, नालियों की जानेगी स्थिति।
सड़कों की सफाई का अवलोकन करेगी।
पिंक टॉयलेट का काम धीमा
बता दें, स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छे माक्र्स पाने के लिए यूज्ड वॉटर का सही मैनेजमेंट होना बहुत जरूरी है। इसके लिए नगर निगम की ओर से सिटी में नए पब्लिक टॉयलेट बनाए जा रहे है। महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट बने हैं। कुछ बनाए भी जा रहे हैं लेकिन उनकी गति काफी धीमी है। वहीं, नालियों की सफाई के साथ ही नए सेफ्टी टैंक्स भी बनाए जा रहे हैं। हालांकि इन सबसे बाद भी स्थिति अभी अच्छी नहीं है।
पब्लिक से ले रहे आइडिया
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 चार फेज में हो रहा है। इसमें सभी क्वार्टर के लिए अलग-अलग टास्क है। अभी तीसरा क्वार्टर चल रहा है, जिसमें फील्ड असेसमेंट और सिटीजन वैलिडेशन सबसे बड़ा टास्क है। इसके तहत गोरखपुर को सर्वेक्षण में अच्छे नंबर मिले इसके लिए पब्लिक से भी आइडिया लिया जा रहा है। उनसे आइडिया लेकर शासन को भेजा जाएगा उसके बाद मंजूरी मिलने पर उसको इंप्लीमेंट भी किया जाएगा।
अबकी बार 9500 प्वाइंट्स
4525 प्वाइंट सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए
2500 प्वाइंट सर्टिफिकेशन के लिए
2475 प्वाइंट सिटीजन वॉयस के लिए
स्वच्छता एप डाउनलोड करने की अपील
नगर निगम ने प्रत्येक नागरिकों से स्वच्छता एप डाउनलोड करने की अपील कर रही है। निगम का कहना है कि जहां भी कचरा दिखे एप के जरिए उसकी तस्वीर खीच कर भेजी जाए। जिससे उसका तत्काल निस्तारण कराया जाए। 500 नंबर में से अधिक से अधिक नंबर मिलने पर स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में सुधार आएगा।
राजेंद्रनगर में कूड़े का अंबार
राजेंद्रनगर के भगवती चौराहा स्थित लच्छीपुर चौराहे के पास कूड़े का ढेर कई दिन से पड़ा हुआ है, लेकिन उसे उठाने की जहमत नगर निगम नहीं कर सका है। लोगों का कहना है कि सफाई कर्मचारी कूड़े को उठाने की बजाय दूसरी जगहों से कूड़ा लाकर फेंक देते हैं। कई बार कंप्लेन करने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसी स्थिति में भी नगर निगम स्वच्छता रैंकिंग में नंबर 1 बनने का दावा कर रहा है।
नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में नंबर वन की पोजिशन के लिए जुटी है। साल भर की तैयारियां हैं। अगस्त-सितंबर का जो डाटा भरा गया था, टीम फील्ड वेरिफिकेशन करके गई है। अब जनवरी लास्ट में टीम आएगी। वार्डों में कूड़ा कलेक्शन से लेकर साफ सफाई पर शत प्रतिशत काम चल रहा है। इसके साथ ही स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़ी सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हंै, टीम आएगी तो सब कुछ दुरुस्त मिलेगा।
- डॉ। मणिभूषण तिवारी, नोडल अफसर, स्वच्छ भारत मिशन