गोरखपुर (ब्यूरो)। इनका इलाज बीआरडी मेडिकल कालेज में चल रहा है। डॉक्टर्स ने इसकी वजह अर्ली मैरिज और ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) बताया है।

एक साल में 2457 पेशेंट

बता दें, सर्वाइकल कैंसर घातक बीमारी का रूप लेता जा रहा है। इसकी चपेट में 30 से 55 साल तक की महिलाएं ज्यादा हैं। कैंसर एक्सपर्ट की मानें तो सर्वाइकल कैंसर एक विशेष तरह के एचपीवी और सेक्सुअली ट्रासंमिटेड इंफेक्शन के कारण होता है। एचपीवी में 14 से ज्यादा वायरस तरह-तरह के कैंसर पैदा कर सकते हैं। सर्वाइकल कैंसर के लक्षण हालांकि आमतौर पर ज्यादा स्पष्ट नहीं होते और यही वजह है कि इसे जल्द पहचानना मुश्किल होता है। बीआरडी से मिले आंकड़ों के अनुसार एक साल में सर्वाइकल कैंसर से पीडि़त महिलाओं की संख्या 2457 तक पहुंच गई है।

बच्चेदानी का कैंसर

कैंसर एक्सपर्ट की मानें तो महिलाओं में होने वाला सर्वाइकल कैंसर बच्चेदानी का कैंसर हैैं। सर्वाइकल का कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे सामान्य कैंसर हैं। इसका सही समय पर इलाज कराने से इस घातक बीमारी से बचा जा सकता है। कैंसर के विभिन्न रूपों पर काम कर चुकी बीआरडी मेडिकल कालेज की एक्स एचओडी प्रो। रीना श्रीवास्तव बताती हैैं कि सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस है। इसके अलावा, अन्य कारणों में एक अधिक यौन साथी, यौन संचारित रोग, गर्भ निरोधक गोलियां का लंबे समय तक उपयोग, धूम्रपान, एचआईवी संक्रमण भी इसी में शामिल हैैं।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

यूरिन में ब्लड आना

दस्त

थकान

वजन घटना

भूख में कमी

पीठ में हल्का और दर्द होना

पैरों में सूजन

पेशाब करते समय कठिनाई या दर्द होना

मल त्याग करते समय आपके मलाशय से दर्द या रक्त स्राव होना

सर्वाइकल कैंसर हृाूमन पेपिलोमा वायरस से होता है। जल्दी शादी होना और अधिक बच्चे पैदा कराना और साफ-सफाई पर ध्यान न देना इसका मुख्य कारण होता है। साथ ही महिलाओं में जागरुकता की कमी भी है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। शुरुआती समय में यदि इसकी पहचान की जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है।

डॉ। राकेश कुमार रावत, एचओडी कैंसर विभाग बीआरडी मेडिकल कॉलेज

क्या है एचपीवी

ह्यूमन पैपिलोमा वायरस सेक्स करने से फैलता है और इससे कोशिकाओं में बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से जननांगों पर मस्से या प्रीकैंसर या गर्भाशय ग्रीवा, योनि, वल्वा, गुदा या गले के कैंसर होते हैं।