गोरखपुर (ब्यूरो)। तकरीबन साढ़े चार किलोमीटर की लंबाई में नाले के दोनों पटरी और कई जगहों पर नाले पर हुए निर्माण को ढहाने का काम शुरू हो गया है। पहले दिन 14 से ज्यादा अस्थाई निर्माण ढहाए गए। किसी ने दुकान बना ली है तो किसी ने शौचालय या चहारदीवारी बनाकर कब्जा किया है। अपर नगर आयुक्त निरंकार ङ्क्षसह ने कहा कि एक-एक कब्जा हटाने के बाद अभियान बंद हो गया। कुछ लोगों ने पैमाइश कराने का अनुरोध किया है। इनके अनुरोध पर विचार किया जा रहा है।

बक्शीपुर तिराहा से मारवाड़ कालेज की तरफ अजीत पुलिया के दोनों तरफ पटरी पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। नगर निगम के रिकार्ड में कहीं 50 फीट चौड़ाई में पटरी है तो कहीं 36 फीट की चौड़ाई में लेकिन पटरी पर निर्माण के कारण नाला दिखता ही नहीं है। नगर निगम की टीम कई बार नाला की सफाई के लिए पोकलेन लेकर जा चुकी है लेकिन जगह न मिलने के कारण मशीन नहीं जा सकी।

सभी को चेतावनी

नगर आयुक्त गौरव ङ्क्षसह सोगरवाल के निर्देश पर अपर नगर आयुक्त निरंकार ङ्क्षसह ने प्रथम चरण में नाले के दोनों तरफ दो-दो सौ मीटर लंबाई में सर्वे कराकर अतिक्रमण को ढहाना शुरू कराया। कई जगह नाले पर भी कब्जा मिल रहा है। बताया कि नाला तहसील के दस्तावेज में नहर के रूप में दर्ज है। इस प्राकृतिक नहर की दोनों पटरियों पर लोगों ने निर्माण कर लिया है। इसका व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है। सबसे ज्यादा अतिक्रमण फर्नीचर वालों का है। नाले को पाट दिया गया है। सभी को चेतावनी दी गई है। वह अपना अतिक्रमण हटा लें क्योंकि अभियान रुकेगा नहीं।

इनका निर्माण तोड़ा

रहम तुल्लाह, सितारा, नौशीन, शन्नू, अस्जान अली, हिन्दुस्तान मार्बल, एसके हुसैन होटल, अजीउर्रहसन, अहिउर्ररहमान, शमीम अहमद आदि।

पुलिस लाइन से निकलता है नाला

पुलिस लाइन से सुमेर सागर, पुर्दिलपुर, सावित्री हास्पिटल, थवई पुल, उचवां, जाफरा बाजार पुल, नरङ्क्षसहपुर होते हुए नाला इलाहीबाग पंङ्क्षपग स्टेशन तक जाता है। यहां से पानी रेग्युलेटर के माध्यम से राप्ती नदी में चला जाता है।