गोरखपुर (ब्यूरो)।छह लिफ्ट मेंटेनेंस के अभाव में पूरी तरह से बंद हैं। इनमें मेडिकल कॉलेज, ओपीडी, एनेस्थीसिया, ट्रॉमा सेंटर और 100 नंबर वार्ड शामिल हैं। इससे सबसे अधिक परेशानी पेशेंट्स को हो रही है। पेशेंट्स का मूवमेंट लिफ्ट से हो रहा है। आलम यह है कि कई बार तो पेशेंट्स को गोद तक में उठाना पड़ता है।

समय से पेमेंट नहीं, अटका मेंटेनेंस

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पेशेंट्स के लिए ओपीडी, एनेस्थीसिया, ट्रॉमा सेंटर और 100 बेड के वार्ड जाने के लिए लगा लिफ्ट काफी समय से खराब है। इसकी वजह से गंभीर पेशेंट्स को सीढिय़ों का सहारा लेना पड़ रहा है। उधर मेडिकल प्रशासन का दावा है कि बीच-बीच में लिफ्ट का मेंटेनेंस कराया जाता है, लेकिन अचानक बंद हो जाती है। इसके लिए एजेंसी को सूचना दी जाती है लेकिन उनकी ओर से समय पर मेंटेनेंस का काम नहीं होता। उधर एजेंसी का कहना है कि समय से पेमेंट नहीं मिलने से अस्पताल की लिफ्ट का मेंटेनेंस नहीं हो पाता है।

खराब लिफ्ट से जान पर बनी

केस 1

23 अप्रैल 2021 को कोरोना संक्रमण के बीच बीआरडी मेडिकल कॉलेज के 300 बेड कोविड अस्पताल की लिफ्ट खराब हो गई। लिफ्ट में तीन कोरोना संक्रमितों के शव के साथ कर्मचारी भी फंस गया था। काफी देर तक लिफ्ट न खुली तो कर्मचारियों ने तोड़कर शव व अन्य कर्मचारियों को बाहर निकाला था।

केस 2

26 फरवरी 2017 को सिद्धार्थनगर जिले के पुराना नौगढ़ निवासी 55 वर्षीय कमरुद्दीन को सांस की बीमारी थी। परिजन उन्हें स्ट्रेचर से लिफ्ट के सहारे इमरजेंसी की दूसरी मंजिल पर लेकर पहुंचे थे कि अचानक लिफ्ट बंद हो गई। इसके बाद लिफ्टमैन की इसकी जानकारी दी गई। काफी मशक्कत के बाद उन्हे बाहर निकला जा सका।

केस 3

9 अप्रैल 2016 को मेडिकल कॉलेज के वार्ड नंबर 14 में भर्ती नूर मोहम्मद डिस्चार्ज हुए। घरवाले उन्हें सीढ़ी से ना ले जाकर लिफ्ट में लेकर चढ़ गए और बीच रास्ते में ही फंस गए। थोड़ी देर तक वे लोग नीचे नहीं पहुंच तो उनका इंतजार कर रहे लोग परेशान हो गए। फोन पर सूचना मिलने के बाद लिफ्ट संचालित करने वाले कर्मचारी को सूचना दी गई। इसके बाद फंसे लोगों को निकाला जा सका।

लिफ्ट व सेफ्टी प्रिकॉशन जानें

- 7 लिफ्ट हैं बीआरडी में।

- 6 लिफ्ट खराब पड़ी हैं।

- 16 लोगों की क्षमता।

- 1088 किलो वजन क्षमता।

- दरवाजे के बीच में ना खड़े हों।

- क्षमता के बाहर ना जाएं।

- गेट खोलने और बंद करने के लिए हाथ पैर का इस्तेमाल ना करें।

- लिफ्ट के चलते समय उसे खोलने का प्रयास ना करें।

- किसी भी फ्लोर पर जाने के लिए बटन को आराम से दबाएं, आने जाने वाले लोगों को जगह दें।

- अगर लिफ्ट किसी भी फ्लोर पर फंस जाती है तो शांति बनाए रहे और अलार्म की बटन को दबाएं।

- लिफ्ट के अंदर धूम्रपान करना मना है।

- आग लगने के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल ना करें।

अस्पताल की लिफ्ट बंद होने से पेशेंट को प्रॉब्लम होती है। गंभीर पेशेंट को सीढ़ी के सहारे वार्ड तक पहुंचाया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन को लिफ्ट ठीक करवाना चाहिए।

उमेश कुमार, कुशीनगर

लिफ्ट खराब होने से गंभीर पेशेंट को वार्ड में शिफ्ट करने में दिक्कत होती है। ऐसे में जिम्मेदार अफसरों को इस ओर ध्यान देना चाहिए, ताकि पेशेंट्स को बेहतर सुविधा मिल सके।

शीला देवी, देवरिया

मेरे एक रिश्तेदार को पैर में प्रॉब्लम है। उन्हें ओपीडी में डॉक्टर्स से दिखाना था, लेकिन लिफ्ट बंद होने से सीढ़ी के रास्ते उन्हें ओपीडी में लेना पड़ा। इससे परेशानी हुई।

संजय सिंह, महराजगंज

लिफ्ट के मेंटेनेंस के लिए एजेंसी के इंजीनियर आए थे। वह लिफ्ट को चेक कर चले गए लेकिन अभी तक दुरुस्त नहीं कराया जा सका है। इसकी जानकारी मेडिकल प्रशासन को बराबर दी जाती है।

ओमप्रकाश सिंह, लिफ्टमैन

मेडिकल कॉलेज में बंद पड़ी लिफ्ट को ठीक करने के लिए एजेंसी के इंजीनियर को सूचना दी गई है। मंडे से मेंटेनेंस का कार्य शुरू हो जाएगा। जल्द ही पेशेंट्स को सुविधा मिलने लगेगी।

डॉ। अशोक यादव, प्रभारी अनुरक्षण बीआरडी मेडिकल कॉलेज

लिफ्ट के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी अनुरक्षण विभाग की है। लिफ्ट बनाने के लिए एजेंसी को पत्र लिखा गया है। जल्द ही लिफ्ट का मेंटेनेंस करवाया जाएगा।

राजेश राय, एसआईसी नेहरू चिकित्सालय बीआरडी