गोरखपुर (ब्यूरो)।सुबह दस बजे से ही ग्रामीण व शहरी खंड के अभियंता मुख्य कार्यालय स्थित धरना स्थल पर मौजूद रहे। उधर बिलिंग व्यवस्था ठप रहने से कंज्यूमर्स को परेशानी का सामना करना पड़ा।
सिर्फ कर्मचारियों पर कार्रवाई
विरोध सभा में ऊर्जा प्रबंधन की हठधर्मिता पर सवाल उठाते हुए कर्मचारी नेता शिवम चौधरी ने कहा कि ऊर्जा प्रबंधन शासन की मंशा के विपरीत कर्मचारी संगठनों के न्यायोचित मांगों का समाधान न करके कुंठित मानसिकता अपनाते हुए सिर्फ दंडात्मक कार्रवाई कर रही है। विरोध तभी तक सफल है जबतक सब एक हैं। बिखरे तो आंदोलन को तोड़ दिया जाएगा।
72 घंटे की हड़ताल तय
कर्मचारी नेता ऐश्वर्य सिंह ने कहा कि जब तक उच्च प्रबंधन द्वारा संघर्ष समिति से वार्ता कर 15 सूत्रीय मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं ले लिया जाता तब तक समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। गुरुवार से 72 घंटे का हड़ताल पहले से ही तय है। हमारी प्राथमिकता है कि अपनी बात प्रबंधन तक पहुंचाई जा सके, लेकिन इससे किसी कंज्यूमर को किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े। सुबह से लेकर शाम तक धरने में सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी और अभियंता मौजूद रहे। इस दौरान अमित यादव, विजय सिंह, सोमदत्त शर्मा, प्रमोद यादव, अखिलेश गुप्ता, बृजेश त्रिपाठी, मुकेश गुप्ता, गाजी खान, विनोद चौधरी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
बिल से जुड़ा कोई भी काम
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आहवान पर बिजली निगम के सभी अभियंता हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों का कार्यबहिष्कार नहीं था, लेकिन अभियंता की आईडी से ही बिजली बिल संबंधित सभी काम होते हैं। ऐसे में सभी कर्मचारियों ने भी कार्य बहिष्कार में अपरोक्ष रूप से हिस्सा ले लिया। बुधवार को बिजली बिल संबंधी कोई भी काम नहीं हो सका। पादरी बाजार के संतोष अपने बिजली संबंधी परेशानी को दूर करवाने मोहद्दीपुर खंड प्रथम कार्यालय आए थे। कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार बताकर बाद में आने की सलाह दी। ऐसे ही, राप्तीनगर, बक्शीपुर और टाउनहाल में भी बिजली बिल संबंधी सभी काम ठप रहे। विभिन्न समस्याओं के निस्तारण के लिए विभिन्न दफ्तरों पर पहुंचे सैकड़ों कंज्यूमर्स को निराश होकर वापस लौटना पड़ा।
आज कर्मचारियों की 72 घंटे की हड़ताल
गुरुवार रात 10 बजे से संपूर्ण कार्यबहिष्कार के निर्णय से निपटने के लिए प्रबंधन ने पहले से ही तैयारी कर रखी है। रिटायर्ड देवेंद्र सिंह को अस्थाई मुख्य अभियंता के पद पर नवीन तैनाती दी गई है। हड़ताल के दौरान देवेंद्र सिंह जोन के मुख्य अभियंता होंगे। चेयरमैन के निर्देश के अनुसार, 72 घंटे के लिए तैनात किए मुख्य अभियंता के लिए वाहन और अन्य सुविधाओं का इंतजाम करना प्रबंधन का जिम्मा होगा।
डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार को जिम्मा
एमडी ने डीएम से बात कर हड़ताल के दौरान प्रशासनिक सहभगिता से बिजली सप्लाई प्रभावी बनाए रखने के लिए पत्र लिखा था। पत्र का संज्ञान लेकर डीएम ने शहरी खंड के 9 उपखंड अधिकारियों की जगह डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार को जिम्मा सौंपा है। इसके अलावा नगर मजिस्ट्रेट के जिम्मे जिले की कानून व्यवस्था पर नजर रखने की होगी। इनके जिम्मे शहर के 26 बिजली घर रहेंगे। अभियंताओं को परेशानी होने पर इनसे संपर्क करना होगा। इसके अलावा बिजली घरों पर संविदा कर्मियों की तैनाती कर दी गई है। जबकि, एमडी पूर्वांचल ने बिजली निगम के नोडल अधिकारी के तौर पर विद्युत कार्यमंडल के अधीक्षण अभियंता कमलेश चंद्र आजाद को जिम्मा सौंपा है। इनके जिम्मे ट्रांसमिशन से बिजलीघर तक आने वाली लाइन के फॉल्ट को सूचना मिलते ही समय के भीतर सही करवाने का जिम्मा रहेगा। इसके अलावा अन्य तकनीकी कामों के लिए अलग अलग खंड में ठेकेदारों की तैनाती की गई है।