गोरखपुर: इसके लिए निगम ने 85.59 करोड़ रुपये का डीपीआर बनाकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को भेज दिया है। उम्मीद है कि इस पर जल्द ही मुहर लग सकती है। इस सिस्टम से शहर में एक फीडर खराब होते ही दूसरी से ऑटोमेटिक बिजली आपूर्ति शुरू हो जाएगी। इससे बिजली कटौती से काफी हद तक राहत मिल सकेगी।
कर चुके हैं प्रदर्शन
इस साल बिजली कटौती ने कंज्यूमर्स को खूब रुलाया है। यहां तक की कंज्यूमर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर चुके हैं। साथ ही फीडर पर जाकर बिजली कर्मियों और कंज्यूमर्स से मारपीट तक हो चुकी है। इसके बाद भी अभी व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। अब बिजली निगम अगले साल कटौती से निजात के लिए स्काडा सिस्टम लागू करने की तैयारी में है। इसके लिए बिजली निगम ने स्काडा का डीपीआर बना लिया है। इस सिस्टम पर बिजली निगम करीब 85.59 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
क्या है स्काडा सिस्टम
स्काडा सिस्टम लागू होने से अगर एक लाइन में फाल्ट होता है तो दूसरी तरफ से खुद ही सप्लाई शुरू हो जाएगी। पूरा सिस्टम ऑनलाइन केंद्रीयकृत हो जाएगा। इससे फाल्ट का पता तत्काल चल जाएगा। इसके अलावा फाल्ट होते ही उसका लोकेशन और उसकी दूरी तक की जानकारी कर्मियों को हो जाएगी। सिस्टम में ऑनलाइन खराबी की भी सूचना तत्काल बिजली कर्मियों को मिलेगी। इससे फाल्ट ढूंढने में जो दिक्कतें अभी कर्मियों को होती है वह नहीं होगी।
स्काडा का प्रस्ताव बनाकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को भेज दिया गया है। करीब 85.59 करोड़ की लागत से इसका डीपीआर तैयार किया गया है। इस व्यवस्था के लागू होने से फाल्ट होने पर दूसरे लाइन से आपूर्ति आटोमेटिक शुरू हो जाएगी।
लोकेंद्र बहादुर सिंह, एसई शहर