गोरखपुर (ब्यूरो).एक्यूआई दरअसल एक नंबर होता है, जिसके जरिए हवा की गुणवत्ता पता लगाई जाती है। साथ ही इसके जरिए भविष्य में होने वाले प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है। हर शहर का एक्यूआई वहां मिलने वाले प्रदूषण कारकों के आधार पर अलग-अलग होता है।
ये सावधानी जरूर बरतें
प्रदूषण को कम करने के लिए सबसे पहले पालिथीन और टायर जैसी चीजें बिल्कुल न जलाएं।
ऐसी जगह पर न जाएं, जहां बहुत ज्यादा धुंध है। घर से बाहर मास्क एन-95 लगाकर निकलें।
अस्थमा और एलर्जी के मरीजों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
सांस और दिल की बीमारी वाले लोग अपना विशेष ध्यान रखें।
डायबिटीज और एचआईवी के मरीजों को भी खास सावधानी रखनी चाहिए।
एक्यूआई रेंज हवा का हाल स्वास्थ्य पर संभावित असर
0-50 अच्छी है बहुत कम असर
51-100 ठीक है संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत
101-200 अच्छी नहीं है फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत
201-300 खराब है लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत
301-400 बहुत खराब है लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा
401-500 खतरनाक है स्वस्थ आदमी पर भी असर, पहले से बीमार हैं तो ज्यादा खतरा
2021 में दिवाली के पहले और बाद का एक्यूआई
तीन नवंबर : 173
चार नवंबर : 225 (दीपावली)
पांच नवंबर : 341
छह नवंबर : 316
इस वर्ष दिवाली के पहले व बाद का एक्यूआई
23 अक्टूबर : 83
24 अक्टूबर : 116 (दीपावली)
25 अक्टूबर : 213
26 अक्टूबर : 253
दिवाली पर एक्यूआई बढ़ जाता है। इसे कम करने के लिए उपाय भी किए जा रहे हैं। इसके लिए सभी शहरों के अफसरों को दिशा निर्देश दिए गए हैं।
- रामगोपाल, मुख्य पर्यावरण अधिकारी, लखनऊ